JKBOSE 10th Class Hindi Solutions chapter – 11 अनेकार्थक शब्द
JKBOSE 10th Class Hindi Solutions chapter – 11 अनेकार्थक शब्द
JKBOSE 10th Class Hindi Solutions chapter – 11 अनेकार्थक शब्द
Jammu & Kashmir State Board JKBOSE 10th Class Hindi Solutions
अनेकार्थक शब्द
हिन्दी में कुछ ऐसे शब्द भी प्रयुक्त होते हैं जिनके अर्थ प्रसंगानुसार भिन्न-भिन्न होते हैं। यहां कुछ महत्त्वपूर्ण अनेकार्थक शब्दों की सूची प्रस्तुत की जा रही है-
शब्द – अर्थ
अंक — गोद, चिह्न, नाटक का अंक, संख्या, भाग्य, अध्याय ।
अंग – भाग, एक देश, शरीर, शरीर का कोई हिस्सा ।
अनंत – अन्तहीन, आकाश, विष्णु ।
अर्क—सूर्य, काढ़ा, आक का पौधा ।
अर्थ – धन, मतलब, कारण, लिए, प्रयोजन ।
अक्ष — आंख, सर्प, ज्ञान, धुरी, रथ, आत्मा, कील, मण्डल ।
अज – मेष राशि, बकरा, दशरथ के पिता, ब्रह्मा, शिव, जीव ।
अहि- सूर्य, सांप, कष्ट ।
अक्षर – ब्रह्मा, विष्णु, ‘अ’ आदि अक्षर, शिव, धर्म, मोक्ष।
अच्युत – अविनाशी, स्थिर, कृष्ण, विष्णु ।
आम — आम का फल, सर्वसाधारण, मामूली ।
अन्तर — अवधि, आकाश, अवसर, मध्य, छिद्र ।
अरुण – लाल, सूर्य, सूर्य का सारथी, सिन्दूर, वृक्ष, सन्ध्या राग ।
अग्र — पहले, मुख्य, श्रेष्ठ, नेता, सिरा आदि ।
अमृत – जल, पारा, दूध, अन्न ।
अतिथि– मेहमान, साधु, यात्री, अपरिचित व्यक्ति, राम का पोता या कुश का बेटा ।
अपवाद – नियम के विरुद्ध, कलंक |
आपत्ति – मुसीबत, एतराज ।
अलि – भौंरा, पंक्ति, सखी ।
अशोक – शोकरहित, एक प्रसिद्ध राजा, एक वृक्ष ।
अयन – घर, मार्ग, स्थान, आधा वर्ष ।
आराम बाग, विश्राम, शान्ति ।
आलि – पंक्ति, सखी ।
अर्थी- इच्छुक, मुर्दा रखने का तख्ता, याचक |
अचल- पर्वत, स्थिर ।
अम्बर- आकाश, वस्त्र ।
अवस्था- आयु, दशा।
इंदु – चन्द्र, कपूर ( एक सुगन्धित पदार्थ) नाम ।
ईश्वर – प्रभु, स्वामी, धनी, समर्थ ।
उत्तर – हल, एक दिशा, जवाब, बाद में।
कंद – मिश्री, वह जड़ जो गुद्देदार और बिना रेशे के हो ।
कनक – सोना, धतूरा
कला – किसी कार्य को करने की कुशलता, अंश, चन्द्र का सोलहवां भाग, शिल्प आदि विद्या |
कटाक्ष – तिरछी नज़र, व्यंग्य, आक्षेप ।
कसरत – व्यायाम, अधिकता।
काम – कामदेव, इच्छा कार्य ।
केतु – एक ग्रह, पुच्छल तारा, ध्वजा ।
कृष्ण – काला, भगवान्, कृष्ण, वेद व्यास |
केवल – एकमात्र, विशुद्ध ज्ञान ।
कर – हाथ, सूंड, किरण, टैक्स, करने की आज्ञा ।
कोट – पहनने का कोट ।
कोटि – करोड़, धनुष का सिरा, श्रेणी ।
कषाय – कसैला, गेरू के रंग का ।
कौरव – गीदड़, धृतराष्ट्रादि ।
कैरव – कमल, कुमुद ।
कुशल – चतुर, खैरियत ।
कबंध – राक्षस, विशेष, पेटी ( कमर बंध), राहु, धड़ ।
काल – समय, मृत्यु, यम, शिव, अकाल ।
कच – बाल, बादल, झुण्ड, बृहस्पति का बेटा ।
कुल – सब, वंश, जाति ।
कर्त्ता – एक कारक, ईश्वर स्वामी, करने वाला।
कर्ण – कान, महाभारतकालीन प्रसिद्ध राजा ।
कुम्भ – हाथी का मस्तक, राक्षस का नाम, घड़ा।
कल – बीता हुआ दिन, आने वाला दिन, सुन्दर, चैन, मशीन, ध्वनि।
खर — गधा, दुष्ट, तीक्षण, तिनका ।
खल – दुष्ट, धतूरा, दवा आदि कूटने का खरल ।
खग – पक्षी, तारा, बाण, ग्रह ।
गुण – विशेषण, स्वभाव, तीनों गुण (सत्व गुण, रजोगुण तथा तमोगुण) रस्सी, धनुष की डोरी।
गो- गाय, किरण, भूमि, दिशा, वाणी, इन्द्रिय, नेत्र, स्वर्ग, आकाश, जल, शब्द, वज्र, नौ की संख्या।
गुरु — आचार्य, बड़ा, भारी, दो मात्राओं का अक्षर, वृहस्पति ।
गण – समूह भूतप्रेतादि, शिव के सेवक ।
गति – चाल, हालत, मोक्ष।
गिरा – वाणी, सरस्वती, गिरना ।
ग्रहण – अपनाना पकड़ लेना, सूर्य-चन्द्र ग्रहण आदि ।
घन – हथौड़ा, बादल, गहरा ।
घट – हृदय, घड़ा, शरीर ।
घटा – घटाना, बादलों का समूह ।
चक्र – चाक, अस्त्र विशेष, रथ आदि का पहिया, पानी का भंवर, व्यूह, घेरा।
चरण – पग, छन्द का एक भाग, आचार ।
चपला – लक्ष्मी, बिजली ।
छन्द – पद, जल, ढंग, स्वेच्छाचार, हाथ का एक गहना ।
जीवन – जल, प्राण, वायु ।
जलधर – बादल, समुद्र ।
जलज – कमल, मोती, शंख, मछली, चंद्रमा ।
जड़ – मूल, अचेतन ।
ज्योष्ठ – बड़ा, जेठ का महीना, स्त्री के पति का बड़ा भाई ।
तम – अन्धकार, तमोगुण, पाप, तमाल का पेड़ |
ताल – तालाब, ताड़ का पेड़ ताली का शब्द, गाने का परिमाण ।
तीर्थ – यज्ञ, शास्त्र, उपाय, अवतार, मन्त्र ।
तमचर – राक्षस, उल्लू ।
तात – पिता, मित्र, भाई, पुत्र, शिष्य ।
तारा – एक देवी, नक्षत्र, बाली की स्त्री, आंख की पुतली ।
तत्व – मूल, यथार्थ, ब्रह्मा, पंचभूत ।
दण्ड – लाठी, दमन, साठ पल का समय, सज़ा, यमराज का अस्त्र ।
दान – त्याग, धर्म, पुण्य, हाथी का मद, शुद्धि
द्रोण – कौआ, पत्तों की दोना, द्रोणाचार्य, एक तौल ।
द्रव्य – वस्तु, तरल पदार्थ, धातु, धन ।
द्विज – ब्राह्मण, पक्षी, चन्द्रमा, क्षत्रिय, वैश्य ।
दक्ष – चतुर, ब्रह्मा का पुत्र प्रजापति ।
दर्शन – शास्त्र, देखना, भेंट ।
दल — पत्ता, पक्ष, समूह, नेता आदि ।
धन – सम्पत्ति, जोड़।
धान्य – धान, अनाज
ध्रुव – स्थिर विष्णु का भक्त, बालक ध्रुव, एक नक्षत्र, नित्य ।
धर्म – न्याय, शुभ कर्म, उपमा, कर्त्तव्य, आचार, स्वभाव, मत ।
धात्री – उपमाता, पृथ्वी, माता ।
धातु – द्रव्य, क्रिया का मूल रूप, सोना आदि पदार्थ ।
धर्मराज युधिष्ठिर, यमराज ।
नग – रत्न विशेष, पहाड़।
नव – नया, नौ की संख्या।
नाग – सांप, हाथी ।
निशाचर – राक्षस, प्रेत, उल्लू, चोर ।
नकुल – पाण्डवों में से एक का नाम, नेवला, पुत्र ।
नाक – स्वर्ग, नासिका, महत्त्वपूर्ण ।
नीलकण्ठ – मोर, शिवजी ।
नायक – नाटक, उपन्यास आदि का प्रमुख पात्र, सेनापति।
नन्दन – इन्द्र की वाटिका, बेटा, सुख प्रदान करने वाला।
नल – बाँस, नेजा, एक राक्षस, नाली ।
पंच-पांच की संख्या, मध्यस्थ, विचारक, चौधरी ।
पल – चार तोले का वज़न, साठ विपल का समय ।
परिग्रह – स्वीकार, शपथ, कुटुम्ब, सेवक, शाप ।
पुष्कर – कमल, व्योम, हाथी की सूंड का अग्र भाग, एक द्वीप का नाम, सारस।
प्रकृति — माया, गुण, स्वभाव, धर्म, चरित्र |
पक्ष – पन्द्रह दिन का समय, ओर, पंख, दल ।
पतंग — पक्षी, सूर्य, गुड्डी, टिड्डी।
पोत – जहाज़, बच्चा, वस्त्र, गुड़िया।
पत्र — पत्ता, चिट्ठी। पय – दूध, पानी।
पद- दर्जा, शब्द, गीत, स्थान ।
पृष्ठ – पीठ, गन्ना, पीछे का भाग।
प्रभाव – दबाव, असर, सामर्थ्य, महिमा ।
पानी – जल, चमक, इज्ज़त।
पारावार – सागर, सीमा ।
पार्थिव – पृथ्वी सम्बन्धी, राजसी, मिट्टी का शिव लिंग ।
प्रत्यय – विश्वास, शब्दों के अन्त में लगने वाले शब्दांश ।
पट- कपड़ा, पर्दा, द्वार ।
पूर्व- पहला, एक दिशा
पुर- नगर, शरीर, राक्षस का नाम ।
पात्र – नाटक में काम करने वाले स्त्री-पुरुष आदि, योग्य, बर्तन ।
फल – पेड़ का फल, नतीजा।
बलि – बलिदान, राजा बलि भेंट कर इत्यादि ।
बली – बलवान्, राजा का नाम ।
बल – सेना, शक्ति ।
भूत – बीता हुआ समय, पिशाच ।
भाग-दौड़ा, हिस्सा।
भेद – रहस्य, प्रकार, फूट डालना आदि।
भुवन – घर, संसार, लोक ।
भव – संसार, जन्म ।
भीष्म – भयंकर, भीष्मपितामह ।
महावीर – बहुत, बलवान्, हनुमान ।
मधु – शहद, शराब, बसन्त ऋतु ।
मूक – गूंगा, चुप, विवश ।
मान – इज्जत, अभिमान, नाप-तोल ।
मित्र – प्रिय, दोस्त, सूर्य।
मुद्रा – आकृति, छाप, रुपया, मोहर, अंगूठी।
मूल – जड़, वंश, पूंजी।
यन्त्र — औज़ार, मशीन।
योग – समाधि, मेल, साधना ।
यम – वायु, मृत्यु का देवता ।
रस – आनन्द, फल का रस, कविता के नौ रस ।
रंग – आनन्द, शोभा ।
राग – गीत, प्रेम, मोह।
रजत – सफेद, चांदनी ।
रचना – कृति, सृष्टि, बनावट ।
राशि – भण्डार, मेष, मिथुन आदि राशियां ।
लघु – ह्रस्व अक्षर, छोटा, नीच ।
लक्ष्य – उद्देश्य, निशाना ।
लय – स्वर, ताल ।
ब्याज- सूद, कपट, बहाना।
विधि – ब्रह्मा, भाग्य, रीति, नियम ।
वर्ण – रंग, जाति, अक्षर ।
वार – आघात, प्रहार, सप्ताह का प्रत्येक दिन ।
विग्रह – लड़ाई, शरीर, देवता की मूर्ति ।
वन – जंगल, जल ।
विरोध – विपरीत, वैर भाव ।
विषम- भयंकर जो समान हो ।
विषय – भोग-विलास, विचारणीय सामग्री ।
वर्ग – समूह, चार बराबर भुजाओं वाला आयत ।
वत्स – बेटा, बछड़ा।
वर – वरदान, श्रेष्ठ, दूल्हा, पति ।
विधु- चांद, राक्षस, सुगंधित, पदार्थ, कपूर।
वास – घर, सुगंध।
विहंगम – पक्षी, बादल, बाण ।
सारंग- मयूर, सांप, बादल, हरिण, चातक, हाथी, सिंह, कोयल, भौंरा, एक राग, पुष्प, छत्र, रात्रि, शंख आदि।
सर – तालाब, बाण, सिर ।
सुधा – अमृत, पानी।
सैंधव – सिंधु का विशेषण, घोड़ा, नमक।
सूत – धागा, सारथी ।
सरस्वती – विद्या की देवी, एक नदी का नाम, वाणी।
संज्ञा – नाम, बुद्धि, सूर्य की पत्नी ।
स्थूल – मोटा, सहज में दिखाई देने वाला।
सूर – सूरदास, सूर्य, अन्धा ।
सुरभि – गाय, वसंत ऋतु ।
हरि — इन्द्रा, विष्णु, सिंह, बन्दर, सूर्य, सांप, कोयल आदि ।
हस्ती – हाथी, अस्तित्व ।
हंस – एक पक्षी, आत्मा, सूर्य ।
हेम – बर्फ, सोना।
शिव – मंगल, महोदय, भाग्यशाली।
शस्य — धान, अनाज ।
क्षीर – दूध, पानी।
क्षेत्र – अधिकार, स्थान, भू-भाग।
श्रुति – वेद, कान ।
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