JKBOSE 9th Class Hindi Grammar Chapter 14 पदबंध
JKBOSE 9th Class Hindi Grammar Chapter 14 पदबंध
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Jammu & Kashmir State Board JKBOSE 9th Class Hindi Grammar
Jammu & Kashmir State Board class 9th Hindi Grammar
J&K State Board class 9 Hindi Grammar
पदबंध— जब कभी एक से अधिक पद जुड़कर एक ही व्याकरणिक इकाई का काम करते हैं तब ऐसे पद-समूह को पदबंध की संज्ञा दी जाती है। ये संरचनाएं व्याकरणिक प्रकार्य के आधार पर संज्ञा पदबंध, विशेषण पदबंध, क्रिया-पदबंध आदि कहलाती हैं।
वाक्य के अंतर्गत संज्ञा पदों, विशेषणों, क्रिया – विशेषणों तथा क्रियापदों आदि का विस्तार किया जा सकता है। यह कार्य विस्तारक करते हैं। विस्तारक संज्ञा, विशेषण, क्रिया आदि पदों को विशिष्ट बनाते हैं। जो पद विशिष्ट बनते हैं, उन्हें केंद्र – पद या केन्द्रक कहा जाता है। अतः किसी रचना में विस्तारक ऐसे वैकल्पिक घटक हैं, जो केन्द्र पर आधारित रहते हैं।
1. संज्ञा पदबंध— जहां एक से अधिक शब्द संज्ञा का काम करें, उस पद- समूह को संज्ञा पदबंध कहा जाता है ।
जैसे— यूरोप से आए हुए प्रतिनिधियों को अशोका होटल में ठहराया गया।
2. सर्वनाम पदबंध— जो पदबंध सर्वनाम का काम करें, उन्हें सर्वनाम पदबंध कहते हैं।
जैसे— (i) जो लोग परिश्रम करेंगे, वे ही सफल होंगे।
(ii) मौत से टकराने वाला वह मर नहीं सकता।
3. विशेषण पदबंध— जहां एक से अधिक शब्द मिलकर किसी संज्ञा की या सर्वनाम के माध्यम से किसी संज्ञा की विशेषता प्रकट करें, उन्हें विशेषण पदबंध कहते हैं।
जैसे— (i) कक्षा में एकाग्रचित होकर पाठ पढ़ने वाले छात्र अवश्य ही अच्छे अंक प्राप्त करते हैं।
(ii) महात्मा बुद्ध के समय से चली आई ध्यान- पद्धति पर दलाईलामा ने व्याख्यान दिया।
4. क्रिया पदबंध— जहां एक से अधिक पद मिलकर क्रिया का कार्य कर रहे हों, वहां क्रिया पदबंध होता है।
जैसे— (i) सरदार पटेल प्रातः बाग में घूमने जाया करते थे ।
(ii) वह गाता/ हुआ/ जा रहा है।
5. क्रिया विशेषण पदबंध— जहां एक से अधिक शब्द क्रिया-विशेषण का काम करें, वहां क्रिया-विशेषण पदबंध होता है।
जैसे— (i) स्थान सूचक— वह भवन दिल्ली में चांदनी चौक के सामने है।
(ii) समय सूचक— इस कार्यक्रम की समाप्ति पर हम आपके पास आएंगे।
(iii) रीतिसूचक— ऐसा होने पर भी उसने हमारा कार्य कर दिया।
हिन्दी में सम्बन्धबोधक, समुच्चय बोधक एवं विस्मयादिबोधक पदबंध बहुत कम हैं।
पदबंधों में शब्द-क्रम— पदबंधों में शब्द-क्रम की योजना इस प्रकार रहती है—
जैसे —
संज्ञा पदबंध और कारक—
संज्ञा का प्रयोग आठों कारकों में हो सकता है। इसलिए संज्ञा पदबंध आठों कारकों में आ सकता है।
जैसे— कर्ता— एकाग्रचित से अध्ययन करने वाले छात्र अवश्य ही शानदार सफलता प्राप्त करते हैं।
कर्म— यूरोप से आए हुए प्रतिनिधियों को अशोका होटल में ठहराया गया ।
करण— सौ-दो सौ रुपयों से मेरा काम नहीं चल सकता ।
सम्प्रदान— मिल के सभी मजदूरों को 10-10 रुपये दे दीजिए ।
अपादान— दिल्ली के बहुत बड़े भवन की छठी मंजिल से कूदकर उसने आत्महत्या कर ली।
सम्बन्ध— हमारे घर के सभी सदस्य कल चलचित्र देखने जा रहे हैं ।
अधिकरण— हमारे देश की राजधानी दिल्ली में अमीर-ग़रीब, मजदूर, नेता— सब प्रकार के लोग रहते हैं।
सम्बोधन — ओ धन-दौलत पर मरने वाले धनवानों ! मेरे लिए तो उसका कुछ महत्त्व नहीं।
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