JKBOSE 10th Class Hindi Solutions chapter – 19 संज्ञा

JKBOSE 10th Class Hindi Solutions chapter – 19 संज्ञा

JKBOSE 10th Class Hindi Solutions chapter – 19 संज्ञा

Jammu & Kashmir State Board JKBOSE 10th Class Hindi Solutions

संज्ञा

परिभाषा – किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु या गुण का बोध कराने वाले विकारी शब्द को संज्ञा कहते हैं।
जैसे – रमेश – व्यक्ति का नाम
दिल्ली, लुधियाना – स्थान का नाम
आम – वस्तु का नाम
सुन्दर – गुण का नाम
संज्ञा के मुख्य रूप से तीन भेद हैं –
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
2. जातिवाचक संज्ञा
3. भाववाचक संज्ञा
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा – जिस संज्ञा से किसी एक ही पदार्थ, स्थान या व्यक्ति का बोध हो, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं-
जैसे— महेश, गंगा, काशी आदि ।
जातिवाचक संज्ञा – जिस संज्ञा से किसी जाति के संपूर्ण पदार्थों, स्थानों और व्यक्तियों आदि का बोध हो, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं ।
जैसे – पुस्तक, नगर, नदी, मनुष्य, गाय आदि ।
2. जातिवाचक संज्ञा के अंतर्गत निम्नलिखित दो भेद भी आते हैं-
(क) द्रव्यवाचक संज्ञा – जिस संज्ञा शब्द से उस सामग्री या पदार्थ का बोध होता हो, जिसमें कोई वस्तु बनी है, ऐसी संज्ञा को पदार्थवाचक या द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं ।
जैसे-
सोना, चांदी ( आभूषणों के लिए)
तांबा, लोहा, स्टील आदि (बर्तनों के लिए)
लकड़ी (फर्नीचर आदि के लिए)
ये संज्ञा शब्द अगनीय होने के कारण एकवचन हैं ।
( ख ) समूहवाचक संज्ञा – बहुत से संज्ञा शब्द ऐसे हैं, जो एक व्यक्ति के सूचक न होकर समूह अथवा समुदाय के सूचक हैं। उस समुदाय वाचक शब्द में अनेक व्यक्ति (सदस्य के रूप में) अथवा वस्तुएं शामिल होती हैं। ऐसे संज्ञा शब्दों को समूहवाचक संज्ञा कहते हैं ।
यथा— परिवार, कक्षा, पुलिस, सेना, सभा तथा समिति आदि संगठन समूह हैं । भीड़, झुण्ड, बूंद आदि असंगठित समूह हैं। ये सब एक इकाई के रूप में प्रकट होने के कारण एकवचन में होते हैं।
3. भाववाचक संज्ञा – जिस संज्ञा से किसी भाव, गुण, दोष तथा स्वभाव आदि का बोध हो, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं ।
जैसे – बुढ़ापा, सुख, मानवता, चंचलता, पंडिताई आदि।

भाववाचक संज्ञाओं की रचना

भाववाचक संज्ञाओं का निर्माण जातिवाचक संज्ञा से विशेषण से और क्रिया में प्रत्यय लगाकर होता है।
जातिवाचक संज्ञा से-           
बूढ़ा – बुढ़ापा
बच्चा – बचपन
मित्र – मित्रता
विशेषण से –
चतुर – चतुराई
सर्द – सर्दी
मीठा – मिठास
 वीर – वीरता
क्रिया से –
सजाना- सजावट
दौड़ना – दौड़
चलना– चाल
घबराना- घबराहट
चढ़ना – चढ़ाई
लड़ना- लड़ाई
4. द्रव्यवाचक – जिस संज्ञा से किसी धातु अथवा द्रव्य का बोध हो, उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं ।
जैसे – सोना, चांदी, पीतल, ताम्बा, लोहा, पारा आदि ।
5. समुदायवाचक – जिस संज्ञा से समूह का बोध हो, उसे समुदायवाचक संज्ञा कहते हैं ।
जैसे – सेना, दल, सभा, कक्षा समिति |

व्यक्तिवाचक संज्ञाएं जातिवाचक बन जाती हैं

जब व्यक्तिवाचक संज्ञाएं किसी एक ही वस्तु, स्थान, व्यक्ति आदि का बोध न करा कर अनेक का बोध कराएं तब वे जातिवाचक बन जाती हैं ।
जैसे – जिस देश में भगतसिंह जैसे लोग पैदा हो जाते हैं, वह कभी पराधीन नहीं होता। यहां भगतसिंह एक व्यक्ति का बोध न करा कर देश के लिए बलिदान देने वाले सभी लोगों का बोध कर रहा है। अतः यहां व्यक्तिवाचक संज्ञा जातिवाचक बन गई है ।

जातिवाचक संज्ञाएं व्यक्तिवाचक बन जाती हैं

जब जातिवाचक संज्ञाएं किसी जाति के सभी पदार्थों का बोध न करा कर किसी एक ही पदार्थ का बोध कराएं तो वे व्यक्तिवाचक बन जाती हैं ।
जैसे— गांधी देश की महान् विभूति थे। यहां गांधी जातियों के सभी व्यक्तियों का बोध न करा कर केवल महात्मा गांधी एक ही व्यक्ति का बोध कराती है। अतः यहां जातिवाचक संज्ञा व्यक्तिवाचक बन गई है।

भाववाचक संज्ञाएं जातिवाचक बन जाती हैं ।

जब भाववाचक संज्ञाएं पदार्थों के धर्मों (गुणों) का बोध कर पदार्थों का बोध कराती हैं तब वे जातिवाचक बन जाती हैं
जैसे- सब पहरावे गठरी में बांध लो । यहां पहरावे धर्म का बोध न करा कर पहनने वाले वस्त्रों का बोध कराता है । अतः यहां पहरावे जातिवाचक संज्ञा बन गया है ।

संज्ञा के रूपान्तर

संज्ञा विकारी शब्द है। लिंग, वचन और कारक आदि के कारण संज्ञाओं के रूप बदल जाते हैं।

लिंग

संज्ञा के जिस रूप से किसी जाति का बोध होता है, उसे लिंग कहते हैं । अर्थात् प्रत्येक पदार्थ अथवा सजीव प्राणी पुल्लिंग में होगा या स्त्रीलिंग में ।
पुल्लिंग – जिन संज्ञा शब्दों से पुरुष जाति का बोध होता है, उन्हें पुल्लिंग कहते हैं।
जैसे— बेटा, राजा, हाथी आदि ।
स्त्रीलिंग — जिन संज्ञा शब्दों से स्त्री जाति का बोध होता है, उन्हें स्त्रीलिंग कहते हैं।
जैसे— बेटी, रानी, हथिनी ।

लिंग परिवर्तन

लिंग परिवर्तन मुख्यतः तीन प्रकार से होता है –
1. शब्द के अंत में प्रत्यय लगाकर ।
2. स्त्री वाचक शब्द प्रयुक्त करके ।
3. शब्द के पूर्व नर या मादा शब्द लगाकर |
अनेक प्राणिवाचक संज्ञाएं नर एवं मादा दोनों होती हैं ।
ऐसी संज्ञाओं में पुरुष एवं जाति का बोध कराने के लिए क्रमश: नर और मादा शब्द जोड़े जाते हैं।

1. प्रत्यय द्वारा लिंग परिवर्तन

जैसे-
दादा – दादी –
घोड़ा – घोड़ी
बेटा – बेटी
लड़का – लड़की
कबूतर – कबूतरी
भंगी – भंगिन
ठाकुर – ठकुराइन
चौधरी – चौधराइन
शेर – शेरनी
मोर – मोरनी
कुत्ता – कुतिया
लोटा – लुटिया
दास – दासी
देव – देवी
नट – नटी
माली – मालिन
धोबी – धोबिन
तेली – तेलिन
पंडित – पंडिताइन
कहार – कहारिन
बाघ – बाघिन
सिंह – सिंहनी
बेटा – बिटिया

2. स्त्रीवाचक शब्द प्रयुक्त करके

पुरुष – स्त्री
भाई – बहिन
बैल – गाय
पिता – माता

3. नर और मादा शब्द लगाकर

नर – भेड़िया
मादा – भेड़िया
नर – चील
मादा – चील

वचन

संज्ञा अथवा अन्य विकारी शब्दों के जिस रूप से संख्या का बोध हो, उसे वचन कहते हैं ।
(i) एकवचन (ii) बहुवचन ।
एकवचन – संज्ञा के जिस रूप से एक ही वस्तु, पदार्थ या प्राणी का बोध होता है, उसे एकवचन कहते हैं।
जैसे— लड़का, बेटी, घोड़ा, नदी।
बहुवचन – संज्ञा के जिस रूप से एक से अधिक वस्तुओं, पदार्थों या प्राणियों का बोध होता है, उसे बहुवचन कहते हैं।
जैसे – लड़कियां, बेटियां, घोड़े, नदियां ।

बहुवचन बनाने के कुछ नियम

भाववाचक संज्ञाओं की रचना

भाव का बोध कराने वाले शब्दों को भाववाचक संज्ञाएं कहते हैं। भाववाचक संज्ञाएं बनाने के लिए शब्दों के अन्त में ता, त्व, आ, ई, हट, आहट, पन आदि प्रयास लगाए जाते हैं ।
भाववाचक संज्ञाएं प्राय: निम्न प्रकार के शब्दों से बनाई जाती हैं-
(i) संज्ञाओं से
(ii) विशेषणों से
(iii) सर्वनामों से
(iv) क्रियाओं से
(v) अव्यय शब्दों से

संज्ञाओं से भाववाचक संज्ञाएं

प्रश्न – किन्हीं चार शब्दों की भाववाचक संज्ञाएं बनाइए –
जलना, रटना, बूढ़ा, पंच, विद्या, घर ।
उत्तर – जलन, रट्टा, बुढ़ापा, पंचायत, विद्या, घरेलू ।

Follow on Facebook page – Click Here

Google News join in – Click Here

Read More Asia News – Click Here

Read More Sports News – Click Here

Read More Crypto News – Click Here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *