JKBOSE 9th Class Hindi Grammar Chapter 1 हिन्दी भाषा : परिचय

JKBOSE 9th Class Hindi Grammar Chapter 1 हिन्दी भाषा : परिचय

JKBOSE 9th Class Hindi Grammar Chapter 1 हिन्दी भाषा : परिचय

Jammu & Kashmir State Board JKBOSE 9th Class Hindi Grammar

Jammu & Kashmir State Board class 9th Hindi Grammar

J&K State Board class 9 Hindi Grammar

1. भाषा क्या ?
भाषा भाव एवं विचार प्रकट करने वाले उन ध्वनि संकेतों को कहते हैं, जो मनुष्य के मुख से निकलते हैं। मनुष्य के मुख से निकले ये ध्वनि-संकेत एक क्रम अथवा व्यवस्था में बंधे होते हैं। ये क्रम में बंधी ध्वनियां उच्चारण के माध्यम से शब्दों एवं पदों तथा वाक्यों के रूप में प्रकट होती हैं। हिन्दी की ध्वनि सम्बन्धी व्यवस्था के अनुसार प्त, प्क आदि व्यंजनों से किसी शब्द का आरम्भ नहीं हो सकता लेकिन प्य, ए आदि से (प्यास, प्रेम) हो सकता है। हिन्दी की वाक्य-रचना में क्रिया की अन्विति कर्ता आदि से होती है । यह व्यवस्थाबद्धता ही मानव की भाषा को पशु-पक्षियों से अलग करती है ।
भाषा के ध्वनि – संकेत कुछ विशेष अर्थों में रूढ़ होते हैं। इनका विधान हर भाषा में भिन्न-भिन्न होता है। उदाहरण के लिए एक ही वस्तु के लिए हिन्दी में जल, तमिल में तन्नी, उर्दू में आब तथा अंग्रेज़ी में वाटर शब्द का प्रयोग होता है। इसी प्रकार एक शब्द एक भाषा में जो अर्थ देता है, वह दूसरी भाषा में भिन्न अर्थ का सूचक होता है। गो हिन्दी में गाय का अर्थ देता है तो अंग्रेज़ी में ‘जाना’ का। इससे स्पष्ट होता है भाषा में शब्द और । अर्थ का सम्बन्ध प्रायः रूढ़ होता है
उपर्युक्त विवेचन के आधार पर भाषा के निम्नलिखित लक्षण स्पष्ट होते हैं—
(क) भाषा मूलतः संकेतों की एक व्यवस्था है।
(ख) यह मानव-मुख से निकली अभिव्यक्ति है।
(ग) यह विचारों के आदान-प्रदान का एक सामाजिक साधन है।
(घ) इसके शब्दों के अर्थ प्रायः रूढ़ होते हैं ।
संक्षेप में भाषा का लक्षण इस प्रकार है—
भाषा भावों और विचारों की अभिव्यक्ति के लिए रूढ़ अर्थों में प्रयुक्त ध्वनि संकेतों की व्यवस्था है।
2. भाषा के प्रकार : मौखिक और लिखित भाषा
सामान्यतः भाषा में अभिव्यक्ति के दो रूप हैं—
(क) लिखित रूप
(ख) मौखिक रूप
यह ध्यान देने की बात है कि भाषा मूल रूप से मौखिक होती है। मौखिक भाषा के आधार पर ही लिखित भाषा अस्तित्व में आई। संकेतों द्वारा भी गूंगा और बहरा व्यक्ति मनुष्य अपने मनोभावों को प्रकट करता है। मुख अथवा शरीर के अन्य अंगों की चेष्टा द्वारा भी व्यक्ति अपने भावों को प्रकट कर सकता है। इन संकेतों द्वारा न तो इच्छित विचारों को प्रकट किया जा सकता है और न ही संकेतों द्वारा विचारों को भली भान्ति समझा जा सकता है। पशु-पक्षी तक अपनी-अपनी बोली द्वारा अपने सुख-दुःख को प्रकट करते हैं। मनुष्य को ही वाणी का वह वरदान मिला है जिसके द्वारा वह अपने विचारों को भली भान्ति प्रकट करने में समर्थ है।
लिखित भाषा का महत्त्व – लिखित रूप से भाषा को सुरक्षित रखता है और मानक रूप प्रदान करता है। उदाहरण के लिए संस्कृत का विपुल साहित्य देवनागरी लिपि के माध्यम से प्राप्त हुआ है। समाज में एक-दूसरे से सम्पर्क बनाने में तथा ज्ञान के भंडार को अगली पीढ़ी के लिए सुरक्षित रखने में लिखित भाषा का महत्त्वपूर्ण योगदान है।
लिपि – लिखित भाषा में मूल ध्वनियों के लिए जो चिह्न मान लिए गए हैं, वे वर्ण – । कहलाते हैं। पर जिस रूप से ये लिखे जाते हैं, उसे लिपि कहते हैं।
अथवा
“मौखिक ध्वनियों को लिखकर प्रकट करने के लिए निश्चित किए गए चिह्नों को लिपि कहते हैं।”
हिन्दी एवं संस्कृत भाषा की लिपि ‘देवनागरी लिपि है।
विभिन्न लिपियां – भारत में अनेक भाषाएं बोली जाती हैं। इन सभी भाषाओं की अपनी-अपनी लिपि है। कुछ भाषाओं की लिपि बहुत कुछ देवनागरी से मिलती-जुलती है। उदाहरण के लिए मराठी भाषा की लिपि ली जा सकती है।
जिस प्राचीन लिपि, ‘ब्राह्मी लिपि’ से नगरी लिपि का विकास हुआ उसी से बंगला, पंजाबी तथा गुजराती आदि भाषाओं की लिपियां विकसित हुई हैं। यही कारण है कि भारतीय भाषाओं की अधिकांश लिपियों में समानता पाई जाती है ।
अंग्रेजी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यूरोप की अधिकांश भाषाओं के लिए थोड़े बहुत परिवर्तन के साथ इसी लिपि को स्वीकार किया गया है।
अरबी भाषा की लिपि का नाम अरबी तथा उर्दू तथा फ़ारसी की लिपि – फ़ारसी है । ये लिपियां दाईं से बाईं ओर को लिखी जाती हैं।
3. हिन्दी की विभिन्न बोलियां
भाषा का वह रूप जो एक छोटे से क्षेत्र में बोला जाता है बोली कहलाता है। पाँचदस मील की दूरी पर बोली में कुछ अन्तर आ जाता है, लेकिन उसके सामान्य रूप में कोई तबदीली नहीं आती। इस स्वरूप को उप-भाषा कहते हैं। उप- भाषा का क्षेत्र बोली के क्षेत्र में विस्तृत होता है। उदाहरण के लिए ब्रज को लिया जा सकता है। ब्रज के दो रूप हैं। ब्रजमण्डल के घरों में बोली जाने वाली ब्रज ‘बोली’ है तो पढ़े-लिखे लोगों द्वारा प्रयुक्त होने वाली ब्रज उप-भाषा कहलाती है। उप-भाषा साहित्य की रचना होने लगती है। जब कोई समर्थ साहित्यकार उप-भाषा में महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ को रचता है तो उसे एक परिनिष्ठित एवं सर्वमान्य रूप प्राप्त हो जाता है। तब वह (उप-भाषा) भाषा कहलाने लगती है। ब्र बोली को भाषा का रूप प्रदान करने का श्रेय सूरदास जैसे प्रसिद्ध भक्त कवियों को प्राप्त है। ब्रज भाषा में पर्याप्त साहित्य की रचना हुई है।
भारतीय आर्य भाषा समूह में हिन्दी का सर्वाधिक महत्त्व है। यह भारत के व्यापक क्षेत्र की भाषा स्वीकार की गई है। हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश तथा बिहार हिन्दी भाषी क्षेत्र हैं। इन प्रदेशों में हिन्दी के विविध रूपों को व्यवहार में लाया जाता है। इनमें निम्नलिखित उल्लेखनीय हैं—
हिन्दी के पीछे सभी रूप हिन्दी की उप- भाषाएं कहलाते हैं। इनमें प्रत्येक के अन्तर्गत कई बोलियां हैं। पश्चिमी हिन्दी के अन्तर्गत निम्नलिखित पाँच बोलियां हैं—
(क) ब्रज भाषा (ख) खड़ी बोली (ग) हरियाणवी या बांगरू (घ) बुन्देली (ङ) कन्नौजी l
इनमें ब्रज विकसित होते-होते भाषा बन गई थी। मध्यकाल में इसी भाषा का साम्राज्य रहा है। भगवान् कृष्ण से सम्बद्ध विशाल साहित्य की रचना इसी भाषा में हुई है।
आधुनिक काल में खड़ी बोली का प्रचार सर्वाधिक हुआ है। यह दिल्ली, मेरठ, बिजनौर तथा सहारनपुर के आस-पास के क्षेत्रों की बोली थी लेकिन विकास के सोपान चढ़ते चढ़ते इसने महत्त्वपूर्ण स्थान बना लिया। अमीर खुसरो जिनका समय तेरहवी शताब्दी है, खड़ी बोली के प्रथम कवि माने जाते हैं। पर इस भाषा को सर्वाधिक महत्व बीसवीं शताब्दी में प्राप्त हुआ।
पूर्वी हिन्दी की निम्नलिखित तीन बोलियां हैं—
(क) अवधी (ख) बघेली (ग) छत्तीसगढ़ी।
उक्त भाषाओं में अवधी का विशेष महत्त्व है। रामभक्त कवि महात्मा तुलसीदास ने अपने अमर महाकाव्य ‘रामचरितमानस’ की रचना इसी भाषा अवधी में की है। मलिक मुहम्मद जायसी ने भी ‘पद्मावत’ की रचना अवधी भाषा में की है।
राजस्थानी राजस्थान में बोली जाने वाली बोलियों के समूह का नाम है। इसकी प्रमुख बोलियां हैं—
(क) मेवाती (ख) मारवाड़ी (ग) हाड़ोती (घ) मेवाड़ी आदि ।
बिहारी के अन्तर्गत निम्नलिखित बोलियां आती है—
(क) भोजपुरी (ख) मगही (ग) मैथिली ।
“मैथिली कोकिल” के नाम से प्रसिद्ध कवि विद्यापति की पदावली मैथिली में ही है।
पहाड़ी के अन्तर्गत निम्नलिखित बोलियां आती हैं—
(क) मंडियाली (हिमाचली)
(ख) गढ़वाली
(ग) कुमाऊँनी ।
4. राष्ट्र भाषा तथा राजभाषा में अन्तर
14 सितम्बर, सन् 1949 को भारतीय संविधान सभा ने हिन्दी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया। संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी है। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, अंडमान निकोबार और केन्द्र शासित दिल्ली की राजभाषा हिन्दी है। पंजाब, गुजरात और महाराष्ट्र ने इसे द्वितीय भाषा के रूप में मान्यता दी है। जिस भाषा के प्रयोग से समस्त देशवासियों के विचारों का आपस में विनिमय हो सके उसे राष्ट्र भाषा कहते हैं। राष्ट्र भाषा के रूप में हिन्दी का प्रयोग भारत के लगभग सभी क्षेत्रों में होता है। यह साहित्य, ज्ञान-विज्ञान, वाणिज्य, शिक्षा, माध्यम तथा तकनीकी कार्यों की भाषा के रूप में भी विकसित हो रही है।
5. भाषा और व्याकरण
भाषा के महत्त्व के अक्षुण्ण बनाए रखने में व्याकरण हमारी सहायता करता है। व्याकरण के द्वारा ही हम भाषा को शुद्ध बोलना तथा शुद्ध भाषा लिखना सीखते हैं। व्याकरण भाषा के नियमों का संकलन तथा विशेषण करता है। व्याकरण के नियमों को स्थिर करता है। इन नियमों के स्थिर होने से भाषा में मानकता आती है। व्याकरण की सहायता से ही भाषा के स्वीकार्य तथा अस्वीकार्य रूपों का पता चलता है। व्याकरण भाषा के नियम नहीं बनाता। शिक्षित तथा शिष्ट समाज भाषा के जिस रूप का प्रयोग करता है, उसी को व्याकरण के आधार मानकर उस भाषा के व्याकरण की रचना करता है। भाषा में परिवर्तन आने पर व्याकरण में भी परिवर्तन आना स्वाभाविक है।
प्रश्न और अभ्यास
प्रश्न 1. भाषा की परिभाषा दीजिए। 
उत्तर— मानव मुख से निकलने वाली ध्वनि संकेत ही भाषा है, जिसके द्वारा भाव और विचार प्रकट किए जा सकते हैं। ये ध्वनि संकेत एक निश्चित व्यवस्था में बंधे होते हैं।
प्रश्न 2. ‘भाषा’ शब्द की व्युत्पत्ति किस प्रकार हुई है ? 
उत्तर— ‘भाषा’ शब्द की व्युत्पत्ति संस्कृत की ‘भाष्’ धातु से हुई है जिसका अर्थ हैबोलना, बताना, आदि। प्राचीन काल से ही मनुष्य अपने विचारों को बोल कर या संकेतों के द्वारा प्रकट करता रहता है।
प्रश्न 3. भाषा के अतिरिक्त भावों और विचारों को प्रकट करने के कुछ साधन बताइए।
उत्तर— (1) रेलवे के गार्ड की लाल- हरी झंडी या बत्तियां, जिसके द्वारा रेलगाड़ी को रोकने या चलाने का संकेत दिया जाता है।
(2) स्काऊट-गाइड्ज़ के द्वारा झंडियों का प्रयोग।
(3) बस कण्डक्टर अलग-अलग तरह से सीटी बजा कर बस को रोकने या चलाने का संकेत करता है।
(4) मूक-बधिर लोग हाथों तथा मुँह से संकेत कर के भावों को व्यक्त करते हैं।
(5) छोटा बच्चा रो कर या हँस कर अपनी इच्छा को प्रकट करता है।
प्रश्न 4. भाषा का मूल रूप कौन-सा है ?
उत्तर— मौखिक रूप ।
प्रश्न 5. भाषा की अभिव्यक्ति के कौन-कौन से रूप हैं ? 
उत्तर— सामान्य रूप से भाषा की अभिव्यक्ति के दो रूप हैं—
(1) मौखिक रूप। (2) लिखित रूप।
प्रश्न 6. मानव जीवन में भाषा की क्या आवश्यकता है ? 
उत्तर— मानव जीवन में भाषा अति आवश्यक है। यही हमारे भावों और विचारों को दूसरों तक प्रकट करवाती हैं तथा उनके भावों और विचारों से हमें परिचित करती हैं। भाषा सोचने, विचारने, पहचानने आदि का भी सर्वश्रेष्ठ साधन है। इसी के द्वारा अन्य सभी प्रकार के विषय का अध्ययन सम्भव होता है। भाषा तो मानव का मूल व्यवहार है।
प्रश्न 7. भाषा के प्रमुख लक्षण स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर— भाषा में निम्नलिखित प्रमुख लक्षण होते हैं—
(i) भाषा मूल रूप से ध्वनि संकेतों की एक व्यवस्था है।
(ii) भाषा मनुष्य के मुंह से निकली अभिव्यक्ति है।
(iii) भाषा विचारों के आदान-प्रदान का एक साधन है।
(iv) भाषा एक सामाजिक सम्पत्ति है।
(v) भाषा पैतृक सम्पत्ति नहीं है बल्कि अर्जित सम्पत्ति है।
(vi) भाषा में शब्दों के अर्थ प्रायः रूढ़ होते हैं।
(vii) भाषा परिवर्तनशील है।
(vii) भाषा जटिलता से सरलता की ओर बढ़ती है।
प्रश्न 8. भाषा में परिवर्तन किन-किन कारणों से आते हैं ? 
उत्तर— भाषा नित परिवर्तनशील है। इसमें निम्नलिखित कारणों से परिवर्तन आते हैं—
(1) भौगोलिक कारण एवं जलवायु ;
(2) विदेशी आक्रमण और राजनीतिक परतन्त्रता;
(3) प्राकृतिक विपदायें ;
(4) मुख-सुख और शीघ्रता ;
(5) व्यापारिक कारण;
(6) शिक्षा और सभ्यता;
(7) सांस्कृतिक आदान-प्रदान ।
प्रश्न 9. भाषा के लिखित रूप की आधारभूत इकाई क्या है ? 
उत्तर— भाषा के लिखित रूप की आधारभूत इकाई ‘वर्ण’ है।
प्रश्न 10. भाषा का आरम्भ कैसे हुआ था ? 
उत्तर— मानव ने अपने भावों और विचारों को एक-दूसरे के समक्ष प्रकट करने के लिए भाषा का प्रयोग आरम्भ किया था। आरम्भ में वह अस्पष्ट ध्वनियों तथा संकेतों से अपने विचार दूसरों तक पहुँचाता था लेकिन धीरे-धीरे उसने अपने प्रयत्नों से भाषा को सुनिश्चित कर दिया था।
प्रश्न 11. भाषा के प्रयोग की क्या आवश्यकता है ?
उत्तर—भाषा मनुष्य के जीवन में अति उपयोगी है। इसका जीवन के हर क्षेत्र में महत्व है। मानवीय बुद्धि और भाषा ही मानव को पशु स्तर से ऊँचा उठाते हैं। यह सोचने विचारने तथा विचारों को प्रकट करने का माध्यम है। विचारों के आदान-प्रदान का यही माध्यम है। इसी के द्वारा ज्ञान-विज्ञान का अध्ययन किया जा सकता है।
प्रश्न 12. लिपि किसे कहते हैं ?
उत्तर— मौखिक ध्वनियों को अंकित किए जाने के लिए चिह्नों की रूढ़ अवस्था को लिपि कहते हैं।
प्रश्न 13. लिपि की आवश्यकता क्यों पड़ी ?
उत्तर— मानव अपने विचारों को दूर स्थित स्थानों पर भी पहुँचाना चाहता था लेकिन मौखिक ध्वनि संकेतों के द्वारा ऐसा किया नहीं जा सकता था। ऐसा केवल भाषा के लिखित रूप के द्वारा किया जा सकना सम्भव था। इसलिए मौखिक भाषा को लिखने के लिए विशेष चिह्न निर्धारित किए गए, जिन्हें लिपि का नाम दिया गया। लिपि के कारण ही मानव को पूर्वजों का ज्ञान प्राप्त हो पाया है।
प्रश्न 14. भाषा और लिपि में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर—भाषा मनुष्य के भावों को प्रकट करने का वह माध्यम है जिसे बोल कर या लिख कर प्रकट किया जा सकता है। मौखिक ध्वनियों को जिन रूढ़ चिह्नों के द्वारा लिख कर प्रकट किया जाता है उसे लिपि कहते हैं। जहाँ भाषा का सम्बन्ध बोलने और लिखने दोनों से है वहाँ लिपि का सम्बन्ध केवल लिखने से है।
प्रश्न 15. भाषा के लिखित रूप का क्या महत्त्व है ?
उत्तर— भाषा में अभिव्यक्ति के मौखिक तथा लिखित दो रूप हैं। मौखिक रूप भाषा का मूल रूप है। लिखित रूप को सीखना पड़ता है। भाषा के मौखिक रूप को ही निश्चित और स्थायी रूप के लिए लिखित स्वरूप की आवश्यकता पड़ी। भाषा का लिखित रूप ही भाषा को सुरक्षित रखता है और इसे मानक रूप भी प्रदान करता है। समाज को एक-दूसरे से जोड़ने में भाषा के लिखित रूप का महत्त्वपूर्ण योगदान है। ज्ञान को भावी पीढ़ी के लिए सुरक्षित रखना भी लिखित भाषा के द्वारा सम्भव हुआ है।
प्रश्न 16. लिखित और मौखिक रूपों में भाषा का कौन-सा रूप – ( 1 ) पुराना है और (2) स्थिर है ?
उत्तर— (1) मौखिक रूप पुराना है और (2) लिखित रूप स्थिर है।
प्रश्न 17. भाषा के मानक रूप से क्या अभिप्राय है ? सोदाहरण समझाइए । 
उत्तर— भाषा के मानक रूप से अभिप्राय भाषा के परिनिष्ठित रूप से है। किसी भाषा के प्रयोग की दृष्टि से उसके आदर्श स्वरूप को मानक भाषा कहा जाता है। जैसे-खड़ी बोली हिन्दी की परिनिष्ठित स्वरूप हिन्दी प्रदेश की मानक भाषा है। सभ्य, सुशिक्षित लोग
प्रायः इसका प्रयोग करते हैं। इसमें अन्य भाषाओं के शब्द भी जुड़ जाते हैं। रेडियो, दूरदर्शन और समाचार पत्रों की भाषा प्राय: मानक होती है।
प्रश्न 18. भाषा के लक्षणों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर— भाषा ध्वनि संकेतों की एक व्यवस्था है। इन ध्वनि संकेतों को ही शब्द कहा जाता है। यह मुख से निकली हुई अभिव्यक्ति है तथा विचारों के आदान-प्रदान का साधन है। हर प्रकार के ध्वनि समूहों से किसी प्रकार का अर्थ व्यक्त होगा, इस का नियम हर भाषा अलग-अलग होता है।
प्रश्न 19. हिन्दी भाषा का क्षेत्र बताइये।
उत्तर— हिन्दी भाषा का प्रमुख क्षेत्र उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली तक फैला हुआ है। इसके अतिरिक्त, पंजाब, जम्मू, महाराष्ट्र, गुजरात, बंगाल आदि देश के अधिकांश क्षेत्रों में यह सम्पर्क भाषा के रूप में प्रयुक्त होती है।
प्रश्न 20. बोली एवं उपभाषा किसे कहते हैं ? हिन्दी की किन्हीं चार बोलियों के नाम लिखिए |
उत्तर— एक छोटे क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा के स्थानीय रूप को बोली कहते हैं। उपभाषा का क्षेत्र बोली से बड़ा होता है। बोली के जिस रूप को उस बोली क्षेत्र में पढ़ेलिखे लोग बोलते हैं, वह उपभाषा कहलाती है। इसमें साहित्य की रचना की जाती है। हिन्दी की मुख्य चार बोलियाँ मैथिली, अवधी, मागधी और बृज हैं।
प्रश्न 21. अंग्रेजी भाषा किस लिपि में लिखी जाती है ?
उत्तर—रोमन लिपि में। 
प्रश्न 22. देवनागरी लिपि में कौन-कौन सी भाषाएं लिखी जाती हैं ?
उत्तर— हिन्दी, नेपाली, मराठी, कोंकणी ।
प्रश्न 23. हिन्दी किस लिपि में लिखी जाती है ? इस लिपि में हिन्दी के अतिरिक्त और कौन-सी भाषाएं लिखी जाती हैं ?
उत्तर— हिन्दी देवनागरी लिपि में लिखी जाती है। संस्कृत, मराठी और नेपाली आदि भाषाएं भी इसी लिपि में लिखी जाती हैं।
प्रश्न 24. उर्दू की लिपि क्या है ?
उत्तर— फ़ारसी।
प्रश्न 25. रोमन लिपि का प्रयोग किस भाषा के लिए किया जाता है ?
उत्तर— अंग्रेज़ी भाषा के लिए।
प्रश्न 26. गुरुमुखी लिपि किस भाषा की लिपि है ?
उत्तर— गुरुमुखी लिपि पंजाबी भाषा की लिपि है।
प्रश्न 27. उर्दू, फ़ारसी, अरबी तथा अंग्रेज़ी लिपियों के नाम लिखिए। 
उत्तर— क्रमश: फ्रारसी, अरबी, रोमन ।
प्रश्न 28. देवनागरी लिपि की विशेषताएं बताइए।
उत्तर— (i) देवनागरी वर्णों की तालिका को अक्षरमाला कहते हैं।
(ii) इसमें 11 स्वर, 33 व्यंजन और 2 अयोगवाह हैं।
(iii) यह अर्ध-अक्षरात्मक लिपि है।
(iv) स्वर व्यंजनों में समाहित हो जाते हैं।
(v) इस लिपि में सभी ध्वनियों को लिपिबद्ध करने की क्षमता है।
(vi) यह लिपि वैज्ञानिक है।
प्रश्न 29. दाई ओर से बाईं ओर लिखी जाने वाली किसी भी लिपि का नाम लिखो।
उत्तर— अरबी।
प्रश्न 30. हिन्दी को किन पाँच प्रमुख वर्गों में बांटा गया है ?
उत्तर— (i) पश्चिमी हिन्दी (ii) पूर्वी हिन्दी (iii) राजस्थानी हिन्दी (iv) पहाड़ी हिन्दी (v) बिहारी हिन्दी।
प्रश्न 31. ‘उपभाषा’ और ‘भाषा’ का अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर— किसी विस्तृत क्षेत्र में बोली जाने वाली ‘बोली’ स्वरूप को भाषा कहते हैं। दूसरे शब्दों में व्याकरण सम्मत एवं साहित्य-समृद्धि बोली को ‘भाषा’ कहते हैं। पाँच-दस मील के अन्तर्गत बोली जाने वाली बोली के स्वरूप को उपभाषा कहते हैं। सामान्यतः एक छोटे क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा का रूप स्थानीय होता है, उसे ही बोली कहते हैं। पाँच दस मील की दूरी पर बोली में हल्का-फुल्का अन्तर आ जाता है पर उसका सामान्य रूप नहीं बदलता। इस स्वरूप को उपभाषा कहते हैं।
प्रश्न 32. पूर्वी हिन्दी की बोलियों के नाम लिखिए। इनमें से किसी एक में रचित किसी महाकाव्य का नाम बताइए।
उत्तर— अवधी, बघेली और छत्तीसगढ़ी।
महाकाव्य-तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस अवधी में है।
प्रश्न 33. ‘बोली’ और ‘भाषा’ का अन्तर स्पष्ट कीजिए। “
उत्तर—आम बोलचाल में जिसे बोली कहा जाता है, शास्त्रीय दृष्टिकोण से उसे ही भाषा भी कहते हैं, परन्तु फिर भी इन दोनों में कुछ अन्तर है। बोली भाषा की अल्पविकसित स्थिति होती है जबकि भाषा बोली की पूर्ण विकसित स्थिति होती है। भाषा सुविकसित, व्याकरण सम्मत तथा साहित्य समृद्ध है। बोली भाषा की अपेक्षा कम विकसित और अशुद्ध होती है जबकि भाषा व्याकरण की दृष्टि से शुद्ध और विकसित होती है। बोली में साहित्य सृजन न के बराबर होता है। भाषा साहित्य-समृद्ध होती है।
प्रश्न 34. भाषा के कितने स्वरूप अथवा भेद हैं ?
उत्तर— भाषा के तीन स्वरूप अथवा भेद हैं
(i) बोली (II) उपभाषा (iii) भाषा।
प्रश्न 35. पहाड़ी हिन्दी की प्रमुख बोलियों के नाम बताइए।
उत्तर— नेपाली, गढ़वाली, कुमायूँनी।
प्रश्न 36 खड़ी बोली का सर्वप्रथम लोकप्रिय कवि किसे माना जाता है ?
उत्तर— अमीर खुसरी।
प्रश्न 37. हिन्दी को किस भाषा-परिवार में रखा गया है ? उस परिवार की तीन भाषाओं के नाम लिखिए।
उत्तर— हिन्दी को भारत-यूरोपीय भाषा-परिवार में रखा गया है। जर्मन, अंग्रेजी, फ्रांसीसी भारत-यूरोपीय भाषा परिवार की भाषाएं हैं।
प्रश्न 38. ‘भोजपुरी’ किस प्रदेश की बोली है ?
उत्तर— बिहार प्रदेश की।
प्रश्न 39. कृष्ण-काव्य का विशाल साहित्य मुख्यतः किस भाषा में है ?
उत्तर— ब्रजभाषा
प्रश्न 40. वर्तमान में खड़ी बोली का प्रयोग कहाँ-कहाँ हो रहा है ?
उत्तर— वर्तमान में खड़ी बोली का प्रयोग उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली आदि में है।
प्रश्न 41. पद्मावत की रचना किस ने किस भाषा में की थी ?
उत्तर— पद्मावत की रचना मलिक मोहम्मद जायसी ने अवधी में की थी।
प्रश्न 42. हिन्दी की दो प्रमुख उप-भाषाओं के नाम और उनकी बोलियाँ बताइए।
उत्तर—
उपभाषाएं बोलियाँ
पूर्वी हिन्दी अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी।
पश्चिमी हिन्दी ब्रजभाषा, खड़ी बोली, हरियाणवी, कन्नौजी, बुंदेलखंडी।
प्रश्न 43. अमीर खुसरो ने किस प्रकार का साहित्य रचा था ?
उत्तर— अमीर खुसरो ने लौकिक साहित्य रचा था। उनकी पहेलियां, लोरियां, सुखने, ढकोसले आदि बहुत प्रसिद्ध हैं।
प्रश्न 44. हिन्दी की उपभाषाएं और बोलियाँ कौन-कौन सी हैं ?
उत्तर— हिन्दी की प्रमुख पाँच उपभाषाएं हैं जिनकी अलग-अलग बोलियाँ हैं। वे निम्न प्रकार हैं—
उपभाषा बोलियाँ
(अ) पश्चिमी हिन्दी खड़ी बोली, ब्रज भाषा, हरियाणवी, बुंदेलखंडी तथा कन्नौजी |
(आ) पूर्वी हिन्दी अवधी, छत्तीसगढ़ी तथा बघेली।
(इ) राजस्थानी मारवड़ी, मेवाती, जयपुरी, मालवी तथा हड़ौती ।
(ई) पहाड़ी हिमाचली, गढ़वाली, कुमायूंनी तथा मंडियाली ।
(उ) बिहारी मैथिली, मगही तथा भोजपुरी।
प्रश्न 45. आधुनिक काल में हिन्दी की किस बोली का प्रचार सर्वाधिक हुआ है ? पहले यह मुख्य रूप से किन क्षेत्रों की बोली थी ?
उत्तर— आधुनिक काल में हिन्दी की खड़ी बोली का प्रचार सर्वाधिक हुआ है। पहले यह मुख्य रूप से दिल्ली, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर तथा बिजनौर के आसपास की बोली थी।
प्रश्न 46. अवधी में लिखे गए तुलसीदास के किसी एक प्रमुख ग्रन्थ का नाम लिखिए।
उत्तर— अवधी में तुलसीदास द्वारा लिखा गया रामचरितमानस एक प्रमुख ग्रन्थ है।
प्रश्न 47. मुगल काल में हिन्दी भाषा पर प्रकाश डालने वाली दो प्रमुख भाषाएं कौन-कौन सी थीं ?
उत्तर— फ़ारसी और अरबी।
प्रश्न 48. ब्रजभाषा का प्रारम्भिक महत्त्वपूर्ण कवि कौन था ?
उत्तर— सूरदास ।
प्रश्न 49. हिन्दी के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाले धार्मिक नेता का नाम लिखिए।
उत्तर— स्वामी दयानन्द ।
प्रश्न 50. हिन्दी के उपन्यास और कहानी क्षेत्रों में विकास करने वाले किसी एक साहित्यकार का नाम लिखिए।
उत्तर— मुंशी प्रेमचन्द ।
प्रश्न 51. आधुनिक हिन्दी काव्य के तीन प्रसिद्ध महाकाव्यों के नाम लिखिए।
उत्तर— कामायनी, कुरुक्षेत्र, साकेत ।
प्रश्न 52. काव्य-भाषा के रूप में मैथिली को किसने चरम उत्कर्ष पर पहुँचाया ?
उत्तर— विद्यापति ।
प्रश्न 53. दक्खिनी हिन्दी का विकास कहाँ हुआ ?
उत्तर— तमिलनाडु और कर्नाटक में ।
प्रश्न 54. खड़ी बोली का साहित्यिक भाषा के रूप में सर्वाधिक विकास कब हुआ ?
उत्तर— बारहवीं तेरहवीं शताब्दी में ।
प्रश्न 55. आज की हिन्दी भाषा अपनी किस बोली का साहित्यिक रूप है ?
उत्तर— आज की हिन्दी भाषा अपनी खड़ी बोली का साहित्यिक रूप है।
प्रश्न 56. हिन्दी क्षेत्र के किन्हीं पाँच राज्यों के नाम बताइए ।
उत्तर— दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश तथा हिमाचल ।
प्रश्न 57. हिन्दी गद्य को निखारने तथा इसे परिनिष्ठित रूप देने वाले तीन प्रमुख साहित्यकारों के नाम लिखिए।
उत्तर— भारतेन्दु हरिश्चन्द्र आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी और प्रेमचन्द ।
प्रश्न 58. हिन्दी को भारत संघ की राजभाषा के रूप में कब स्वीकार किया गया ?
उत्तर— 14 सितम्बर, सन् 1949 को ।
प्रश्न 59. हिन्दी किन राज्यों की राजभाषा है ?
उत्तर— उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, और केन्द्रशासित अण्डमान निकोबार ।
प्रश्न 60, संविधान में हिन्दी की क्या स्थिति स्वीकृत है ?
उत्तर— 14 सितम्बर, सन् 1949 को भारत की संविधान सभा ने हिन्दी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया। संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार हिन्दी की राजभाषा है और इसकी लिपि देवनागरी है। यह उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और अण्डमान निकोबार की राजभाषा है हिन्दी को पंजाब, गुजरात और महाराष्ट्र में द्वितीय भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है।
प्रश्न 61. व्याकरण की परिभाषा दीजिए। 
उत्तर— भाषा के शुद्ध रूप का ज्ञान कराने वाले शास्त्र को व्याकरण कहते हैं।
प्रश्न 62. व्याकरण शब्द का क्या अर्थ है ?
उत्तर— भाषा को खंड-खंड कर समझाना ही व्याकरण शब्द का अर्थ है।
प्रश्न 63. व्याकरण किसे कहते हैं ? इसकी क्या आवश्यकता है ?
उत्तर— व्याकरण भाषा के अंगों- ध्वनि, शब्द, वाक्य आदि का विवेचन करता है। इसके शुद्ध-अशुद्ध रूपों को निश्चित करता है। व्याकरण के बिना भाषा का मानक का निर्धारित नहीं हो सकता। व्याकरण भाषा का रूप स्थिर करता है पर उसके विकास को रोक नहीं सकता। पहले भाषा बनती है, तब उसका व्याकरण। व्याकरण के बिना कोई भी भाषा अनियन्त्रित हो जाती है।
प्रश्न 64. भाषा और व्याकरण का परस्पर क्या सम्बन्ध है ?
उत्तर— भाषा भावों को अभिव्यक्त करने का माध्यम है लेकिन व्याकरण उसे व्यवस्थ प्रदान करती है। व्याकरण के कारण ही भाषा को शुद्धता की प्राप्ति होती है। भाषा के निर्माण के पश्चात् व्याकरण बनती है।
प्रश्न 65. व्याकरण जानने की आवश्यकता क्यों पड़ती है ?
उत्तर— व्याकरण ही भाषा के उच्चारित और लिखित रूपों को शुद्ध रूप में प्रकट करने में सहायता देती है। इससे भाषा के मूल नियमों का बोध होता है। व्याकरण का ज्ञान भाषा को स्थिरता प्रदान करता है। बिना व्याकरण कोई भी भाषा विकृत हो जाती है।
प्रश्न 66. व्याकरण में भाषा का विश्लेषण किन स्तरों पर किया जाता है ?
उत्तर— व्याकरण में भाषा का विश्लेषण निम्नलिखित स्तरों पर किया जाता है—
(क) ध्वनि तथा उच्चारण के स्तर पर;
(ख) लिपि तथा वर्तनी के स्तर पर;
(ग) शब्द के स्तर पर;
(घ) पद के स्तर पर;
(ङ) वाक्य रचना के स्तर पर;
(च) अर्थ के स्तर पर।
Follow on Facebook page – Click Here

Google News join in – Click Here

Read More Asia News – Click Here

Read More Sports News – Click Here

Read More Crypto News – Click Here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *