PSEB Solutions for Class 10 English Literature Book Chapter 1 Bed Number-29

PSEB Solutions for Class 10 English Literature Book Chapter 1 Bed Number-29

PSEB 10th Class English Literature Book Solutions Chapter 1 Bed Number-29

Bed Number-29 Summary & Translation in English

Bed Number-29 Introduction:
This story describes a supreme sacrifice made by Naeem for the sake of the author. The author is an amateur painter. One day he meets with an accident and loses his eyesight. In the hospital, Naeem is his wardmate. He is also known as Number Twenty-nine, which is the number of his bed. He is a very cheeerful person. He describes beautiful scenes to the author and encourages him to start painting again. In the beginning, the author hesitates but agrees at last. Naeem provides him everything for painting.

He praises author’s paintings and tells him that nobody could believe they are painted by a blind man. The doctors operate on the author for the second time. The author has spent his last rupee on this operation. But unfortunately, this operation is also unsuccessful. Naeem offers the author some money, but the author refuses. Naeem finds a rich customer to buy the author’s paintings. With the sale of his paintings, the author gets sufficient money for his third operation. This operation is successful and the author is able to see again.

He wants to meet Naeem, but Naeem has already left the hospital. The author comes to know that the unknown customer of his paintings was Naeem himself. His paintings are just masses of haphazard lines. Naeem was himself blind, but he spent all his money to buy the author’s paintings. He could not have his third operation as he was left with no money. For the same reason, he had to leave the hospital. Under Naeem’s pillow, the author finds four paintings. These paintings were drawn by Naeem, before he was blind. These showed he was a great artist.

Bed Number-29 Summary & Translation in Hindi

Bed Number-29 Introduction:
यह कहानी नईम द्वारा लेखक के लिए किए गए महान् बलिदान का वर्णन करती है। लेखक एक शौकिया पेन्टर है। एक दिन उसके साथ एक दुर्घटना हो जाती है और वह अपनी दृष्टि खो बैठता है। अस्पताल में नईम उसके वार्ड में ही है। उसे नम्बर उन्तीस भी कहा जाता है जोकि उसके पलंग का नम्बर है। वह एक बहुत खुश-तबीयत व्यक्ति है। वह लेखक को सुन्दर दृश्यों का वर्णन करता है और उसे दोबारा पेन्टिंग शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करता है। शुरू में लेखक हिचकिचाता है परन्तु अन्त में मान जाता है। नईम पेन्टिंग के लिए उसे हर चीज़ उपलब्ध करवाता है। वह लेखक की पेन्टिंगों की प्रशंसा करता है और उसे बताता है कि कोई भी इस बात पर विश्वास नहीं करेगा कि इन्हें एक अंधे आदमी ने बनाया है।

डॉक्टर दूसरी बार लेखक का ऑपरेशन करते हैं। लेखक ने इस आपरेशन पर अपना अन्तिम पैसा भी खर्च कर दिया है। परन्तु दुर्भाग्यवश यह ऑपरेशन भी असफल रहता है। नईम लेखक को कुछ पैसे देने की पेशकश करता है, परन्तु लेखक इन्कार कर देता है। नईम लेखक की पेन्टिंगों को खरीदने के लिए एक धनी ग्राहक ढूंढ लेता है। अपनी पेन्टिंगों की बिक्री से लेखक को अपने तीसरे ऑपरेशन के लिए काफ़ी पैसे मिल जाते हैं। यह ऑपरेशन सफल रहता है और लेखक को फिर से दिखने लगता है। वह नईम से मिलना चाहता है, परन्तु नईम पहले ही अस्पताल छोड़ कर जा चुका है। लेखक को पता चलता है कि उसकी पेन्टिंगों का अज्ञात खरीददार स्वयम् नईम था। उसकी पेन्टिंगें आड़ी-तिरछी रेखाओं का मात्र पुंज हैं।

नईम खुद अन्धा था, परन्तु उसने अपने सारे पैसे लेखक की तस्वीरें खरीदने में खर्च कर दिए। वह अपना तीसरा ऑपरेशन नहीं करवा सका, क्योंकि उसके पास कोई पैसा नहीं बचा था। इसी वजह से उसे अस्पताल छोड़ना पड़ा था। नईम के तकिये के नीचे से लेखक को चार पेन्टिंगें मिलती हैं। ये पेन्टिंगें नईम ने अन्धा होने से पहले बनाईं थीं। इनसे पता चलता था कि वह एक महान् कलाकार था।

Bed Number-29 Summary & Translation in Hindi:

(page 5-6)
Brakes shrieked,…………. hope to me.

Word-meanings : 1. shriek—चीखना, (यहां) ब्रेक लगने की तीखी आवाज़; 2. struck-आ कर लगी; 3. leapt-कूदा, होने लगा; 4. recall—-याद आना; 5. predawn glow–प्रभात के पहले वाला प्रकाश; 6. dew-bathed grass-ओस से नहाई हुई घास; 7. masterpiece-सर्वोत्तम कृति; 8. crash–टक्कर; 9. nightmare-बुरा स्वप्न; 10. dreadful-भयानक; 11. depression—-अवसाद; 12. stare– टकटकी लगा कर देखना; 13. limped-लंगड़ा कर चलता था।

अनुवाद- ब्रेक लगने की तीखी आवाज़ आई, कोई चीज़ आकर लगी, कोई चिल्लाया और मेरे चारों ओर अंधेरा घिरता आ रहा था। मेरे पूरे शरीर में पीड़ा होने लगी और एक कोमल आवाज़ ने कहा, “श्रीमान, कृपया हिलिए मत। ऐसा करना खतरनाक हो सकता है।” मैंने समझने की कोशिश की जो भी हुआ था — मैंने प्रभात के पहले होने वाली रोशनी को याद किया; पेड़ और फूल, ओस से नहाई हुई घास, मानो सभी सूर्योदय का इंतज़ार कर रहे थे – मैंने इन सब को अपने कैनवस में कैद कर लिया था, जो मेरी सर्वोत्तम कृति थी, मेरे जीवन की खुशी थी।

इसलिए मैंने उसका नाम ‘जीवन’ रख दिया — उसके बाद मुझे व्यस्त सड़क का दृश्य याद आया, ट्रैफिक का ऊंचा शोर, कार – और वह टक्कर। मेरे हाथ ने आंखों पर बंधी पट्टियों को छुआ। “नहीं, ईश्वर,” मैं कराह उठा, “नहीं, यह नहीं।” । मेरा जीवन आवाजों, भावनाओं, गंधों, स्वादों और भयानक अवसाद का एक दुःस्वप्न बन कर रह गया था। वह अंधेरे का एक पिंजरा था जिसने मुझे कैदी बना कर रखा हुआ था — अंधेरा और मैं, बस हम दोनों थे। समय अब स्थिर हो गया था, अब मेरे लिए सूर्य उदय होना बन्द हो गया था; फूलों का खिलना, जल-धाराएं और निर्मल आकाश अब सिर्फ यादें बन कर रह गए थे। जीवन मेरे साथ ही मरता जा रहा था, एक घंटे से दूसरे घंटे तक मैं पलंग पर लेटा रहता मानो छत की ओर टकटकी लगा कर देख रहा होऊं।

“कहो, क्या हाल है ?” मेरे वार्ड का साथी, नईम, पूछ रहा था जिसे ‘उन्तीस नंबर’ के नाम से जाना जाता था जो कि उसके बैड का नंबर था। वह एक मधुरभाषी और प्रसन्नचित्त व्यक्ति था जो कहानियां सुना कर मुझे सांत्वना देता रहता था और इस प्रकार मेरे मन को जीवन की भयानक वास्तविकताओं से परे ले जाता था। सिवाए इसके कि वह लंगड़ा कर चलता था और उन्तीस नंबर के बैड पर था, मुझे उसके बारे में मुश्किल से ही कुछ पता था। वह फूलों की क्यारियों में फुदकती हुई चिड़ियों का और प्रातःकाल की चमक का वर्णन इतने आश्चर्यजनक ढंग से करता था कि मैं कल्पना करने लगता था मानो उस दृश्य को स्वयं ही देख रहा होऊं। “बोलते रहो,” मैं उससे आग्रह करता जब उसकी आवाज़ आनी बंद हो जाती। इस प्रकार वह सारा दिन अपनी खिड़कियों के बाहर के दृश्य का वर्णन बहुत विस्तार से करता रहता था। उसका ऐसा करना मुझे आशा देता था।

(Page 6)
“Listen,” he said ……….. happened with myself.”

Word-meanings :
1. hobby-शौक के लिए किया गया काम; 2. lash out-फटकारना; 3. hysterical —मानो दौरा पड़ गया हो; 4. moved—बहुत प्रभावित; 5. brightened—जोश आ गया; 6. haystack-घास का ढेर; 7. ablaze चमकदार रंगों से भरी; 8. bask-धूप सेंकना; 9. gasp-लंबी सांसें लेना; 10. uneasy -बेचैनी-भरी; 11. embarrassed—लज्जित कर दिया; 12. after all-कुछ भी हो; 13. plead-विनती करना; 14. attendants—कर्मचारी; 15. miracle-चमत्कार।

अनुवाद- “सुनो,” उसने एक दिन सवेरे कहा। “तुम चित्र बनाना शुरू कर दो, जो जैसा तुमने कहा था, पहले तुम्हारा शौकिया काम हुआ करता था।” मैंने उसे बहुत फटकारा। मैं चिल्लाया, मानो दौरा पड़ गया हो, कि उसे मेरी कला के बारे में मज़ाक करने का कोई अधिकार नहीं था। वह लंगड़ाता हुआ अपने बैड पर चला गया।

कई दिन बीत गए। फिर एक दिन मैंने उससे पूछा कि क्या वह किसी चीज़ से गहरे रूप से प्रभावित हुआ था। “हां,” उसने धीरे-धीरे कहना शुरू किया, “हां, कई चीज़ों से।” अचानक उसकी आवाज़ में जोश आ गया। “हां, बिल्कुल।” “एक बार अक्तूबर की एक सुनहरी शाम के वक्त मैं एक फार्महाउस के पास से गुजर रहा था और मैंने घास का एक ढेर देखा। वह भूसा नहीं था, वह शुद्ध सोना था। चारों तरफ दुनिया रंगों से भरी हुई थीलाल पत्तियां, सफ़ेद बत्तखें जो सुर्ख लाल पश्चिम दिशा में डूबते हुए सूर्य की आखिरी किरणों में धूप सेंक रही थीं। वहां से हिलने में असमर्थ हुआ, मैं वहां खड़ा हो गया और गहरी-गहरी सांसें लेने लगा। “क्या,” मैं चिल्लाया, “तुमने चित्र नहीं पेंट किया ?” एक बेचैनी-भरी खामोशी छा गई जिसने मुझे ऐसा प्रश्न पूछने की लज्जा से भर दिया। कुछ भी हो, मैंने सोचा, हर आदमी कलाकार नहीं होता। “मेरा मतलब है, मैंने तो उसका चित्र पेंट कर लिया होता,” जल्दी-जल्दी मैंने कहा। “तुम क्यों नहीं पेंट कर लेते ? वह दृश्य मेरे मन में है और मैं जानता हूं कि तुम पेंट कर सकते हो। कृपा करके ‘हां’ कह दो, मान जाओ,” उसने विनती की, और इससे पहले कि मैं जान पाऊं कि मैं क्या कर बैठा था, मैंने कह दिया, “हां।”

मेरे जीवन ने एक नया मोड़ ले लिया। उसने मुझे हर वह चीज़ दे दी थी जिसकी ज़रूरत मुझे पेंटिंग में पड़ सकती थी और जब अस्पताल के कर्मचारी आश्चर्य में भर कर चिल्ला उठे जब वे कमरे में आए, तो नईम ने उन्हें चुप करा दिया। फिर चमत्कार शुरू हुआ और उत्सुक, पर लगभग कांपती हुई, उंगलियों से मैं एक उस दृश्य का चित्र बनाने लगा जो मुझे किसी समय बहुत अच्छा लगा था। मैं अपनी याद्दाश्त के कैनवस पर से, लगातार मेहनत करते हुए कागज़ पर उस दृश्य का रेखाचित्र बनाता रहा; मैं अपने काम में इतना डूबा हुआ था कि अपने अंधेपन के विषय में कुछ भी नहीं सोच पा रहा था। मैंने दृश्य का चित्र समाप्त किया और कांपती हुई आवाज़ में नईम को बुलाया। लंबे-लंबे कदमों से वह मेरे बैड की तरफ आया और कुछ समय के लिए मुझे कुछ भी सुनाई नहीं दिया। मेरा दिल डूब गया। “अवश्य ही मैंने कोई भारी गड़बड़ कर दी होगी,” मैं सोचने लगा। फिर उसकी आवाज़ ने खामोशी को भंग कर दिया। “यह बहुत अद्भुत है। यह अविश्वसनीय है, तुम प्रतिभाशाली हो, तुममें विलक्षण प्रतिभा है, कौन कह सकता है कि तुम अंधे हो।” मेरे मन को आराम मिला और मैं कह उठा, “सचमुच! मैं कभी विश्वास नहीं कर सकता था यदि यह मेरे स्वयं के साथ न हुआ होता।”

(Page 7-8)
Every morning, …………. living for something.

Word-meanings : 1. dreamy-स्वप्निल, मानो सपने में हो; 2. magic dreamland sceneryजादुई स्वप्नदेश का दृश्य; 3. create-रचना करना, (यहां) चित्र बनाना; 4. anxiety-चिंता; 5. lump in one’s throat गला रुंध जाना, मानो गले में कुछ अटक गया हो; 6. unwound-(पट्टियां) खोली जा रही थीं; 7. buried—गड़ा लिया; 8. console-सांत्वना देना; 9. shock—सदमा लगना; 10. persuadeमनाना; 11. awful-भद्दा, बेकार; 12. strike a bargain-सौदा कर सकना।

अनुवाद- हर सुबह, नाश्ते के बाद, नईम मेरे बैड पर आता, एक स्वप्निल आवाज़ में एक दृश्य का वर्णन करता जिस पर मैं सवेरे से शाम तक काम करता रहता, मानो कि दिन कभी खत्म नहीं होगा। एक कैनवस खत्म होता और दूसरा शुरू होता। यह सब बहुत अद्भुत था। नईम मुझसे जादुई स्वप्नदेश का सारा दृश्य बनवाता। स्वयं को उसके रंगों की दुनिया में गुम करके, और अपने अंधेपन को भूल कर, मैं कागज़ पर वह सब चित्रित करता जो वह कहता। वह हमेशा मेरी प्रशंसा करता और मुझे अपनी प्रतिभा पर ज्यादा, और ज्यादा विश्वास होता गया। वह स्वयं रंगों का मिश्रण करता, और किसी जगह हल्की शेड और किसी और जगह गहरी रेखा का इस्तेमाल करने का सुझाव देता। यह वही समय था जब डाक्टरों ने एक बार फिर मेरा ऑपरेशन किया।

नईम ने पढ़ कर मुझे सुनाने का या मेरी खिड़की के बाहर के दृश्य का वर्णन करने का काम अपने ऊपर ले लिया क्योंकि मैं बैड से हिलने में असमर्थ था। जैसे-जैसे दिन बीते, मेरी चिंता बढ़ती गई – आंशिक रूप से इसलिए क्योंकि मैं अपनी स्वयं की आंखों से रंगों की दुनिया को देखना चाहता था, पर ज्यादा इसलिए क्योंकि मैंने इसी ऑपरेशन में अपना अंतिम रुपया भी खर्च कर दिया था, और ऑपरेशन के असफल हो जाने की स्थिति में मैंने अंधेरों और कष्टों के विपत्तिपूर्ण जीवन से डरते रहना था। मैं नर्स के साथ डाक्टरों के कमरे की तरफ जा रहा था जब नईम आया और बोला, “आज का दिन बहुत सुंदर है, मुझे पूरी उम्मीद है कि तुम इसे जल्दी देख सकोगे।” मैंने जवाब देना चाहा पर मानो गले में कुछ अटक गया। मुझे ऑपरेशन थियेटर से आने वाली गंध आई और मैंने एक दस्ताने वाले हाथ को कोमलता से स्वयं को छूते हुए अनुभव किया। मेरी पट्टियां खोली जा रही थीं। दीवार-घड़ी की टिक-टिक सुनाई दे रही थी और एक आवाज़ ने कहा, “अपनी आँखें खोलो,” और मैंने अपनी आँखें खोलीं। वही समाप्त न होने वाला अंधेरा अभी भी मौजूद था।

नर्स की मदद से मैं वापस अपने कमरे में आ गया। तो मेरे सामने ऐसा जीवन था – अंधेरे से भरा हुआ। मैंने अपना सिर तकिए में गड़ा लिया। नईम मेरी बगल में था और मुझे सांत्वना दे रहा था। “मैं जल्दी ही यहां से चला जाऊंगा, नईम,” मैंने एक दिन उदास हो कर कहा। “मेरे पास अब पैसे नहीं बचे, इस ऑपरेशन में मेरा सब कुछ खर्च हो गया।” उसे सदमा लगा। “ओह, नहीं! मेरे पास कुछ पैसे हैं, तुम उन्हें ले सकते हो,” उसने कोमलतापूर्वक कहा। मैंने दृढ़ता से उत्तर दिया, “धन्यवाद, नईम। मैंने कभी भी किसी से कुछ नहीं मांगा, न ही भविष्य में मांगूंगा, फिर भी (पेशकश के लिए) मैं तुम्हारा धन्यवाद करता हूं।” उसने मुझे मनाने की कोशिश की, पर मैंने सुनने से इन्कार कर दिया। एक दिन दोपहर में नईम दौड़ता हुआ मेरे बैड पर आया और कहने लगा, “सुनो यार, मेरा एक दोस्त है जो कला-प्रेमी है। वह तुम्हारे पेंट किए हुए चित्र खरीदना चाहता है।” “ऐसा कैसे हो सकता है, वह तो बहुत भद्दे होंगे!” मैंने सोचा। “वह अमीर है, हम उससे सौदा कर सकते हैं।” मैंने हामी भर दी और नईम खुशी से कमरे में इधर-उधर नाचने लगा। अगले दिन उसने मुझे कुछ कड़कड़ाते हुए नोट पकड़ाए। मेरी प्रसन्नता की कोई सीमा न रही। आशा फिर से ऊंची उठ गई। एक बार फिर मैं किसी उद्देश्य के लिए जीने लगा था।

(Page 8)
I took to ……… paintings in my hand.

Word-meanings :
1. tale—कहानी; 2. off and on—कभी-कभी; 3. purple-जामुनी; 4. splash —छींटे मारना, छितरा जाना; 5. mind’s eye—मन की आँखें ; 6. regained consciousness होश में आया; 7. flash-चमक, कौंध; 8. wheeled back-पहिएदार कुसी में बिठाकर वापिस ले गए; 9. pale -पीला (बीमारी या घबराहट से); 10. vanished—गायब हो गई।

अनुवाद- मैंने फिर से चित्र पेंट करना शुरू कर दिया। हर सुबह नईम मेरी बगल में बैठ जाता और अपनी स्वप्निल कहानी शुरू कर देता। मैं चित्र बनाता और बनाता ही गया। वह अपरिचित खरीददार कभी-कभी आता और मेरे चित्र खरीद लेता। नईम चारों ऋतुओं के दृश्यों का वर्णन इतने भावनात्मक ढंग से करता, विशेषकर सूर्यास्त के दृश्यों का, कि गुलाबी, जामुनी, सफ़ेद, बैंगनी और सुनहरे रंग के सारे शेड मेरे ‘मन की आंखों’ के सामने छितरा जाते।

मेरे सारे चित्र खरीद लिए गए थे और मैंने स्वयं को तीसरे ऑपरेशन के लिए तैयार पाया। ऑपरेशन के बाद जब मुझे होश आया, मुझसे कहा गया कि मैं न तो हिलूं और न ही किसी से बात करूं। बैड नंबर उन्तीस, नर्स ने बताया, खाली हो चुका था। जब मेरी पट्टी खोली जाने वाली थी तो मैंने नईम को बुला लाने को कहा किन्तु नर्स ने कहा कि वह बीमार था और आने में असमर्थ था। डाक्टर ने पट्टी खोली और जब मैंने अपनी आंखें खोली तो रोशनी की एक चमक मेरी आंखों में घुसती चली गई – मैं देख पा रहा था। वे पहिएदार कुर्सी में बिठाकर मुझे वापिस कमरे में ले गए।

मैं ऊंची आवाज़ में बोला, “नईम, नईम।” “सिस्टर, नईम कहां है ?” मैंने पूछा। नर्स का चेहरा पीला पड़ गया जब उसने मुझे नईम का पत्र पकड़ाया – आशा की देवी मुझ पर मुस्कराई और फिर उसी शीघ्रता से, जितनी शीघ्रता से वह आई थी, वह गायब हो गई। दुःख से पागल होकर मैं अलमारी की तरफ भागा, और वहां मेरे सारे चित्र पड़े हुए थे। वे केवल अव्यविस्थत रूप से खींची गई लकीरों के पुंज थे जिनमें कोई रंग नहीं था। नर्स बोली, “वह बहुत महान् व्यक्ति था। उसने अपने सारे पैसों से यह चित्र खरीदे और अस्पताल छोड़ कर चला गया जब उसके पास चित्र खरीदने के लिए पैसे नहीं रहे। वह अपना तीसरा ऑपरेशन भी नहीं करवा सका।”

“क्या ?” मैं चिल्ला पड़ा, “ऑपरेशन ? कौन सा ऑपरेशन ? “क्यों ? बेशक उसकी आंखों का ऑपरेशन, वह अंधा था,” वह बोली। कुछ देर के लिए मैं हिलने में असमर्थ हो गया। आंसुओं ने मेरी आंखों को धुंधला कर दिया था। उसके तकिए के नीचे वे चार चित्र पड़े हुए थे जिनमें उसने अंधा होने से पहले चार ऋतुओं की पेटिंग की थी। उसने उन्हीं चित्रों का वर्णन मेरे सामने किया था – और इस प्रकार मेरे ‘कैनवस पर वे चित्र पेंट करने की कोशिश की थी। आंसुओं ने मेरी आंखों को धुंधला कर दिया जब मैंने उसके चित्रों को अपने हाथों में लिया।

Objective Type Questions

Question 1.
Naeem was in the hospital when the author regained his eyesight. (True/False)
Answer:
False

Question 2.
Who did the author meet in the hospital ward ?
(i) Naeem
(ii) Bobby Gillian
(iii) Subbiah
(iv) Della.
Answer:
(i) Naeem

Question 3.
The author regained his eyesight after the ………..
(i) first operation
(ii) second operation
(iii) third operation
(iv) fourth operation.
Answer:
(iii) third operation

Question 4.
The author was a ……….. before he lost his eyesight.
Answer:
painter

Question 5.
The author knew that Naeem was also blind ……….. (True/False)
Answer:
False

Question 6.
Naeem urged the author to restart …………..
(i) dancing
(ii) singing
(iii) studying
(iv) painting.
Answer:
(iv) painting.

Answer each of the following in one word / phrase / sentence :

Question 1.
What did the author use to do before he lost his eyesight ?
Answer:
He used to paint pictures.

Question 2.
What did Naeem ask the author to do?
Answer:
He asked him to start painting again.

Question 3.
Who consoled the author when his second operation failed ?
Answer:
Naeem.

Question 4.
Who bought the paintings made by the author when he was in the hospital ?
Answer:
Naeem.

Question 5.
What would Naeem describe for the author ?
Answer:
He would describe the scenes outside the window for the author.

Question 6.
Why did Naeem have no money for his third operation ?
Answer:
He had spent all his money in buying the author’s paintings.

Question 7.
When did the author get deeply shocked ?
Answer:
When he learnt that Naeem had left the hospital because he had no money left for the treatment.

Question 8.
What does the story, ‘Bed Number-29 describe ?
Answer:
The supreme sacrifice made by Naeem for the sake of the author.

Question 9.
Did the author know that Naeem was also blind like him ?
Answer:
No, the author did not know that Naeem was also blind like him.

Complete the following :

1. The author was an amateur ……………….
2. The author met a person named ………………. in the hospital ward.
3. Naeem himself was an ……………….
4. The author could never imagine that ……………….
5. Naeem had no money to pay for
6. It was Naeem who ……………….
Answer:
1. painter
2. Naeem
3. artist
4. Naeem was blind like him
5. his third operation
6. helped the author.

Write True or False against each statement :

1. Naeem was a short story writer.
Answer:
False

2. The author first met Naeem in the operation theatre in the hospital.
Answer:
False

3. Naeem urged the author to start singing again.
Answer:
False

4. Naeem used to admire the author’s paintings.
Answer:
True

5. Naeem would sell each painting made by the author to a rich man.
Answer:
False

6. The author was deeply depressed at the failure of his third operation.
Answer:
True

Choose the correct option for each of the following:

Question 1.
Who said, “The goddess of hope smiled on me ………. and then it vanished.” ?
(a) Naeem.
(b) The author.
(c) Naeem’s doctor.
(d) The author’s friend.
Answer:
(b) The author.

Question 2.
Naeem too was ………………… like the author.
(a) deaf
(b) blind
(c) dumb
(d) lame.
Answer:
(b) blind

Question 3.
The unknown customer of the author’s paintings was :
(a) Naeem himself
(b) the author himself
(c) a rich man of the city
(d) Naeem’s brother.
Answer:
(a) Naeem himself

Question 4.
Naeem had provided the author everything needed for
(a) photography
(b) painting
(c) colouring
(d) none of these three.
Answer:
(b) painting

PSEB Solutions for Class 10 English Literature Book Chapter 1 Bed Number-29

Question 1.
How did the author lose his eyesight ?
Answer:
One day the author was going on a busy street. Suddenly he was struck by a fast-moving vehicle. As a result of this accident, the author lost his eyesight.

एक दिन लेखक एक व्यस्त सड़क पर चला जा रहा था। अचानक एक तेज गति से आ रहा वाहन उससे आ टकराया। इस दुर्घटना के परिणामस्वरूप लेखक अपनी दृष्टि खो बैठा।

Question 2.
What did the author do before he lost his eyesight ?
Answer:
The author was a painter. He used to paint pictures before he lost his eyesight.

लेखक एक चित्रकार था। अपनी दृष्टि खोने से पहले वह चित्र बनाया करता था।

Question 3.
Who did the author meet in the hospital ward ? Why was he there?
Answer:
The author met a person named Naeem in the hospital ward. Like author,Naeem too was blind. Both of them had been admitted there for the operation of their eyes.

लेखक अस्पताल के वार्ड में नईम नामक एक व्यक्ति से मिला। लेखक की भान्ति नईम भी अन्धा था। उन दोनों को वहां आंखों के ऑपरेशन के लिए भर्ती किया गया था।

Question 4.
When did the author regain his confidence and how ?
Answer:
Naeem urged the author to start painting again. He would describe a scene and the author would paint it on a canvas. Naeem would praise the paintings highly. Thus the author regained his confidence.

नईम ने लेखक से दुबारा पेन्टिंग शुरू करने का आग्रह किया। वह किसी दृश्य का वर्णन किया करता और लेखक इसे चित्रपट पर चित्रित किया करता। नईम चित्रों की बहुत प्रशंसा किया करता। इस प्रकार
लेखक को अपना विश्वास दोबारा प्राप्त हो गया।

Question 5.
What happened when the author’s second operation failed ? Who consoled him then ?
Answer:
The author was deeply depressed at the failure of his second operation. He had spent his last rupee on it. It was Naeem who consoled him and offered to help him.

लेखक अपने दूसरे आप्रेशन की असफलता पर गहरा निराश हुआ। उसने इस पर अपना अन्तिम रुपया खर्च कर दिया था। यह नईम था जिसने उसे ढांढस बन्धाया और उसकी सहायता करने की
पेशकश की।

Question 6.
How did the author get the money to get operated the third time ? Who helped him ?
Answer:
It was Naeem who helped the author. He would keep with himself each painting made by the author, and would give him the money. He would say that a rich man liked the paintings and bought them.

यह नईम था जिस ने लेखक की मदद की। वह लेखक के द्वारा बनाई गई प्रत्येक पेन्टिंग को अपने पास रख लेता और उसे पैसे दे दिया करता। वह ऐसा कह दिया करता कि एक धनी आदमी को पेन्टिंगैं
पसन्द आ गई थीं और उसने उन्हें खरीद लिया था।

Question 7.
Where was Naeem when the author regained his eyesight ?
Answer:
Naeem had left the hospital by then. He had spent all his money in paying the author for his paintings. Now he had no money to pay for his third operation. So he had to leave the hospital.

नईम तब तक अस्पताल छोड़ कर जा चुका था। उसने अपने सब पैसे लेखक को उसके चित्रों का भुगतान करने में खर्च कर दिए थे। अब उसके पास अपने तीसरे आपरेशन के लिए कोई पैसे नहीं बचे थे। इसलिए उसे अस्पताल छोड़ कर जाना पड़ा।

Question 8.
Did the author know that Naeem was also blind like him ? Give reasons to support your answer.
Answer:
No, the author did not know that Naeem was also blind like him. Naeem would describe for the author the scenes outside the window. He used to admire the author’s paintings. So the author could never imagine that Naeem was blind like him.

नहीं, लेखक नहीं जानता था कि नईम भी उसकी भान्ति अन्धा था। नईम लेखक के लिए खिड़की से बाहर के दृश्यों का वर्णन किया करता। वह लेखक के चित्रों की प्रशंसा किया करता। इस प्रकार लेखक
कभी यह अनुमान भी न लगा पाया कि नईम उसकी भान्ति अन्धा था।

Question 9.
Why could Naeem not get his treatment done ?
Answer:
Naeem had spent all his money in paying for the author’s paintings. He was left with no money for his own treatment. He had to leave the hospital.

नईम ने अपने सारे पैसे लेखक के चित्रों का भुगतान करने में खर्च कर दिए थे। उसके पास अपने खुद के उपचार के लिए कोई पैसे नहीं बचे थे। उसे अस्पताल छोड़ कर जाना पड़ा।

Question 10.
How did the author feel when he learnt that Naeem had left the hospital because he had no money for the treatment ?
Answer:
The author was deeply shocked. He was unable to move for some time. His eyes were filled with tears.

लेखक को गहरा सदमा महसूस हुआ। वह कुछ समय के लिए हिल भी न सका। उसकी आंखें आंसुओं

Question 11.
How could Naeem describe different seasons in detail ?
Answer:
Naeem himself was an artist. He had painted four paintings of different seasons. He had described the colours of these very paintings to the author.

नईम स्वयम् एक कलाकार था। उसने चार विभिन्न मौसमों की पेन्टिंगें बनाईं थीं। उसने इन्हीं पेन्टिंगों के रंगों का वर्णन लेखक को किया था।

Question 12.
What does the message “The goddess of hope smiled on me ……….. and then it vanished.’ mean ?
Answer:
The author had regained his eyesight after the operation. Now he hoped that he would be able to see Naeem who had helped him so much. But when he read Naeem’s letter, all his hope was dashed.

लेखक को आपरेशन के बाद आंखों की ज्योति फिर से प्राप्त हो गई थी। अब उसे आशा थी कि वह नईम को देख पायेगा जिसने उसकी इतनी मदद की थी। परन्तु जब उसने नईम का पत्र पढ़ा तो उसकी सब आशा खण्डित हो गई।

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