PSEB Solutions for Class 10 English Main Course Book Chapter 8 The Making of the Earth
PSEB Solutions for Class 10 English Main Course Book Chapter 8 The Making of the Earth
PSEB 10th Class English Main Course Book Solutions Chapter 8 The Making of the Earth
The Making of the Earth Summary & Translation in English
The Making of the Earth Introduction:
This chapter is an extract from Nehru’s ‘Letters from a Father to His Daughter. He wrote these letters to his daughter in the summer of 1928 when she was at Mussoorie. In this chapter, Nehru defines the solar system to which our earth belongs. He differentiates between a planet and a star. He talks of the breaking away of the earth from the sun and the breaking away of the moon from the earth. He also talks about the gradual cooling of the earth and the moon, and the formation of the great oceans.
The Making of the Earth Summary & Translation in English
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You know that the earth goes round the sun and the moon goes round the earth. You know also perhaps that there are several other bodies which like the earth go round the sun. All these, including our earth, are called planets of the sun. The moon is called a satellite of the earth because it hangs on to it. The Other planets have also got their satellites.
The sun and the planets with their satellites form a happy family. This is called the solar system. Solar means belonging to the sun, and the sun being the father of all the planets, the whole group is called the Solar System. At night you see thousands of stars in the sky. Only a few of these are the planets and these are really not called stars at all. Can you distinguish between a planet and a star? The planets are really quite tiny, like our earth, compared to the stars but they look bigger in the sky because they are much nearer to us.
Just as the moon, which is in reality quite a baby, looks so big because it is quite near to us. But the real way to distinguish stars from the planets is to see if they twinkle or not. Stars twinkle, planets do not. That is because the planets only shine because they get the light of our sun. It is only the sunshine on the planets or the moon that we see. The real stars are like our sun. They shine of themselves because they are very hot and burning. In reality our sun itself is a star, only it looks bigger as it is nearer and we see it as a great ball of fire.
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So our earth belongs to the family of the sun the solar system. We think the earth is very big and it is big compared to our tiny selves. It takes weeks and months to go from one part of it to another even in a fast train or steamer. But although it seems so big to us it is just like a speck of dust hanging in the air. The sun is millions of miles away and the other stars are even further away.
Astronomers, those people who study the stars, tell us that long, long ago the earth and all the planets were part of the sun. The sun was then as it is now a mass of flaming matter, terribly hot. Somehow little bits of the sun got loose and they shot out into the air. But they could not wholly get rid of their father, the sun.
It was as if a rope was tied to them and they kept whirling round the sun. This strange force, which I have compared to a rope, is something which attracts little things to great. It is the force which makes things fall by their weight. The earth being the biggest thing near us, attracts everything we have.
In this way, our earth also shot out from the sun. It must have been very hot, with terrible hot gases and air all around it, but as it was very much smaller than the sun, it started to cool. The sun also is getting less hot but it will take millions of years to cool down. The earth took much less time to cool. When it was hot, of course, nothing could live on it – no man or animal or plant or tree. Everything would have been burnt up then.
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Just as a bit of the sun shot out and became the earth, so also a bit of the earth shot out and became the moon. Many people think that moon came out of the great hollow which is now the Pacific Ocean, between America and Japan. So the earth started to cool. It took a long time over it. Gradually the surface of the earth became cooler although the interior remained very hot. Even now if you go down a coal mine it becomes hotter and hotter as you go down. Probably if you could go down deep enough inside the earth you would find it red hot. The moon also started to cool and because it was much smaller than even the earth, it cooled more quickly than the earth. It looks delightfully cool, does it not ? It is called the ‘cold moon’. Perhaps it is full of glaciers and ice fields.
When the earth cooled all the water vapour in the air condensed into water and probably came down as rain. It must have rained a tremendous lot then. All this water filled the great hollows in the earth and so the great oceans and seas were formed.As the earth became cooler and the oceans also became cooler, it became possible for living things to exist on the earth’s surface or in the sea .
The Making of the Earth Summary & Translation in Hindi
The Making of the Earth Introduction:
यह पाठ नेहरू द्वारा लिखित ‘एक पिता द्वारा अपनी पुत्री को लिखे पत्रों में से लिया गया एक अंश है। उसने ये पत्र अपनी पुत्री को 1928 की गर्मियों में लिखे जब वह मसूरी में थी। इस पाठ में नेहरू सौर-मण्डल का वर्णन करता है जिससे हमारी पृथ्वी सम्बन्ध रखती है। वह एक ग्रह और तारे में भेद बताता है। वह धरती के सूर्य से अलग होने और चन्द्रमा के धरती से अलग होने के बारे में बताता है। वह धरती और चन्द्रमा के धीरे-धीरे ठण्डा होने और बड़े-बड़े महासागरों के बनने के बारे में भी बताता है।
The Making of the Earth Summary & Translation in Hindi
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तुम जानती हो कि पृथ्वी सूर्य के चारों तरफ घूमती है और चंद्रमा पृथ्वी के चारों तरफ घूमता है। शायद तुम यह भी जानती हो कि कई अन्य ऐसे अन्य पिंड हैं जो पृथ्वी की तरह सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं। हमारी धरती सहित इन सभी को सूर्य के ग्रह कहा जाता है। चन्द्रमा को पृथ्वी का उपग्रह कहा जाता है क्योंकि यह इसके साथ लटका रहता है। अन्य ग्रहों के भी अपने-अपने उपग्रह हैं। सूर्य और उसके ग्रह अपने अपने उपग्रहों सहित एक सुखी परिवार बनाते हैं।
इस परिवार को सौर-मंडल कहा जाता है। सौर का अर्थ होता है सूर्य से संबंध रखने वाला, और क्योंकि सूर्य सभी ग्रहों का पिता है, पूरे समूह को सौर-मंडल कहा जाता है। रात के समय तुम आकाश में हज़ारों तारे देखती हो। उनमें से केवल कुछ ही ग्रह हैं और इन्हें वास्तव में तारे बिल्कुल भी नहीं कहा जाता है। क्या तुम एक ग्रह और एक सितारे में भेद बता सकती हो ? वास्तव में तारों की तुलना में ग्रह हमारी पृथ्वी की ही भान्ति बहुत छोटे होते हैं, किन्तु वे आकाश में अधिक बड़े दिखते हैं क्योंकि वे हमारे बहुत नज़दीक हैं।
बिल्कुल उसी तरह चन्द्रमा भी, जो वास्तव में एक छोटे बच्चे के समान है, इतना बड़ा दिखता है क्योंकि यह हमारे बहत नज़दीक है। परन्तु तारों और ग्रहों में फर्क जानने का असली तरीका यह देखना है कि वे झिलमिलाते हैं या नहीं। तारे झिलमिलाते हैं, किन्त ग्रह नहीं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ग्रह केवल इसलिए चमकते हैं क्योंकि वे हमारे सूर्य से प्रकाश ग्रहण करते हैं। ग्रहों पर अथवा चन्द्रमा पर यह केवल सूर्य की रोशनी ही है जिसे हम देखते हैं। वास्तविक तारे हमारे सूर्य की तरह होते हैं। वे स्वयं के प्रकाश से चमकते हैं क्योंकि वे बहुत गर्म हैं और जल रहे हैं। असल में हमारा सूर्य स्वयं एक तारा है, केवल यह ज्यादा बड़ा दिखता है क्योंकि यह ज़्यादा नज़दीक है और हम इसे आग की एक विशाल गेंद के जैसा देखते हैं।
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इस प्रकार हमारी पृथ्वी सूर्य के परिवार अर्थात् सौर मंडल से संबंध रखती है। हम सोचते हैं कि पृथ्वी बहुत बड़ी है और हम छोटे जीवों की तुलना में यह वास्तव में बहुत बड़ी है। किसी तेज़ रेलगाड़ी या स्टीमर द्वारा भी इसके एक भाग से दूसरे भाग तक पहुंचने में कई सप्ताह और महीने लग जाते हैं। किन्तु यद्यपि यह हमें इतनी विशाल प्रतीत होती है, यह मात्र हवा में लटकी हुई धूल के एक कण के समान है। सूर्य लाखों मील दूर है तथा अन्य तारे उससे भी बहुत ज्यादा दूर हैं। खगोल-शास्त्री, वे लोग जो तारों का अध्ययन करते हैं, हमें बताते हैं कि बहुत लम्बे समय पहले पृथ्वी और सभी ग्रह सूर्य का भाग हुआ करते थे। सूर्य उस समय, जैसा वह आज भी है, जलते हुए पदार्थ का एक पुंज था, जो भयानक रूप से गर्म था। किसी कारणवश सूर्य के कुछ छोटे टुकड़े उससे अलग हो गए और तेजी से बाहर हवा में चले गए।
किन्तु वे पूरी तरह से अपने पिता अर्थात् सूर्य से छुटकारा न पा सके। यह ऐसे था मानो उनके साथ एक रस्सी बन्धी हो और वे तेजी के साथ सूर्य के चारों तरफ चक्कर लगाने लगे। यह विचित्र बल,
जिसकी तुलना मैंने रस्सी से की है, एक ऐसी चीज़ होता है जो छोटी-छोटी चीज़ों को बड़ी चीजों की तरफ़ खींच लाता है। यही वह बल है जो चीज़ों को उनके भार की वजह से गिरने पर विवश करता है। पृथ्वी हमारे नज़दीक की सबसे बड़ी चीज़ होने के कारण हमारी सब चीज़ों को अपनी तरफ़ खींचती है।
इस तरह, हमारी पृथ्वी भी सूर्य से छिटक कर अलग हो गई। इसके चारों ओर फैली भयानक रूप से गर्म गैसों और हवा के कारण यह बहुत गर्म रही होगी, किन्तु क्योंकि यह सूर्य से बहुत छोटी थी, यह ठंडी होनी शुरू हो गई। सूर्य भी कम गर्म होता जा रहा है |किन्तु इसे ठंडा होने में लाखों वर्ष लग जाएंगे। पृथ्वी ने ठंडा होने में इससे बहुत कम समय लिया। जब यह गर्म थी तो निस्संदेह इस पर कोई भी चीज़ जीवित नहीं रह सकती थी – न मनुष्य और न ही कोई जानवर अथवा पौधा या पेड़। हर चीज़ तब भस्म हो जाती।
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जिस प्रकार सूर्य का एक टुकड़ा छिटक गया और पृथ्वी बन गया, ठीक उसी प्रकार पृथ्वी का एक टुकड़ा इससे छिटक गया और चन्द्रमा बन गया। बहत लोगों का विचार है कि चन्द्रमा उस विशाल गड़े से निकला था जो वर्तमान में अमेरिका और जापान के मध्य स्थित प्रशांत महासागर है। इस प्रकार पृथ्वी ठंडी होनी शुरू हो गई। ऐसा करने में इसे लंबा समय लग गया। धीरे-धीरे पथ्वी की सतह ठंडी हो गई यद्यपि इसका आंतरिक भाग बहुत गर्म रहा। आज भी यदि आप कोयले की किसी खान में नीचे जाएं तो यह अधिकाधिक गर्म होती जाएगी जैसे-जैसे आप नीचे तथा और नीचे चलते जाएंगे।
शायद यदि आप पृथ्वी के अन्दर काफी गहराई तक जा सकें तो आप इसे तपती हुई लाल पाएंगे। चन्द्रमा भी ठंडा होना शुरू हो गया और क्योंकि यह पृथ्वी से काफ़ी छोटा था, यह पृथ्वी की अपेक्षा अधिक जल्दी ठंडा हो गया। यह आनंददायक ठंडा दिखाई देता है, क्या नहीं ? इसे ‘ठंडा चंद्रमा’ कहा जाता है। शायद यह हिमनदियों और बर्फ के मैदानों से भरा हुआ है।जब पृथ्वी ठंडी हो गई तो हवा में विद्यमान सब जल-वाष्प कण घने हो कर पानी बन गए और संभवतया वर्षा बन कर नीचे गिर आए।
उस समय अवश्य बहुत भारी वर्षा हुई होगी। इस पूरे पानी ने पृथ्वी के बड़े-बड़े गड्ढों को भर दिया और इस प्रकार विशाल महासागरों और समुद्रों की रचना हुई। जैसे-जैसे पृथ्वी और ज़्यादा ठंडी होती गई और महासागर भी ज्यादा ठंडे हो गए तो पृथ्वी की सतह पर और समुद्र के अंदर जीवों का रहना संभव हो गया
Objective Type Questions
Question 1.
Moon is the satellite of ……………
(i) universe
(ii) oceans
(iii) Mars
(iv) Earth.
Answer:
(iv) Earth.
Question 2.
From where do the planets get light ?
Answer:
From the sun.
Question 3.
The planets twinkle at night. (True/False)
Answer:
False
Question 4.
All the hollows of the earth were filled with ……………… when it rained heavily.
(i) dust
(ii) snow
(iii) water
(iv) light.
Answer:
(iii) water
Question 5.
How many years did the Earth take to cool down?
(i) Thousand
(ii) Millions
(iii) Hundred
(iv) None of these
Answer:
(iv) None of these
Question 6.
Planets have natural satellites. (True/False)
Answer:
True
Answer each of the following in one word / phrase / sentence :
Question 1.
Name the author of the chapter.
Answer:
Jawahar Lal Nehru.
Question 2.
What does the earth go round ?
Answer:
The sun.
Question 3.
What constitues the solar system ?
Answer:
The sun, its planets and the satellites of the planets.
Question 4.
Is the sun a planet?
Answer:
No, it is a star.
Question 5.
Why is moon called a satellite of the earth?
Answer:
Because it revolves round the earth.
Question 6.
How do the stars shine?
Answer:
They shine of themselves.
Question 7.
How is the inside of the earth ?
Answer:
It is extremely hot.
Question 8.
Why did the moon cool earlier than the earth ?
Answer:
Because it was much smaller in size.
Question 9.
How were the oceans and seas formed?
Answer:
They were formed after the heavy rain when all the water on the earth condensed.
Question 10.
How do we feel when we go down a coal mine?
Answer:
It becomes hotter and hotter as we go deeper into the mine.
Complete the following :
1. The earth goes round ……………
2. The moon is called a ………. of the earth.
3. ………………. is termed the father of the family called ‘solar system’.
4. The sun is actually a ……
5. The sun is much ……………… than the earth or the moon.
6. Moon shines due to ……………… light falling on it.
Answer:
1. the sun
2. satellite
3. The sun.
4. star
5. bigger
6. the sun’s.
Write True or False against each statement :
1. The sun is the nearest star to the inhabitants of the earth.
2. The moon is also a star.
3. The solar system was formed only a few hundred years ago.
4. The other stars revolve round the sun.
5. The sun is heavier than the earth.
6. Stars twinkle because they are very far away.
Answer:
1. True
2. False
3. False
4. False
5. True
6. False.
Choose the correct option for each of the following :
Question 1.
The earth goes round …………..
(a) the sun
(b) the moon
(c) the satellites
(d) the stars.
Answer:
(a) the sun
Question 2.
The solar system includes ………….
(a) the sun
(b) its planets
(c) the satellites of the planets.
(d) all the above.
Answer:
(d) all the above.
Question 3.
The inside of the earth is ……….
(a) hotter than moon
(b) very cool
(c) full of water
(d) still extremely hot.
Answer:
(d) still extremely hot.
Question 4.
The earth took …….. to turn into solid form.
(a) a lot of time
(b) millions of years
(c) hundreds of years
(d) about 1000 years.
Answer:
(b) millions of years
Short Answer Type Questions
Question 1.
What are planets ?
Answer:
A body that goes round a star is called a planet. For example, the sun is a star and the earth goes round it. Thus the earth is a planet of the sun.
वह पिण्ड जो किसी तारे के गिर्द चक्र लगाता है, उसे ग्रह कहा जाता है। उदाहरण के लिए, सूर्य एक तारा है और पृथ्वी उसके गिर्द चक्र लगाती है। इस प्रकार पृथ्वी सूर्य का एक ग्रह है।
Question 2.
Define the solar system.
Answer:
The solar system means the family of the sun. It includes the sun, its planets and the satellites of these planets.
सौर-मण्डल का अर्थ है, सूर्य का परिवार। इसमें सूर्य, उसके ग्रह और इन ग्रहों के उपग्रह शामिल हैं।
Question 3.
How can you distinguish between planets and stars?
Answer:
Stars twinkle while planets don’t. This is the real way to distinguish between planets and stars.
तारे टिमटिमाते हैं जबकि ग्रह टिमटिमाते नहीं हैं। ग्रहों और तारों के मध्य भेद जानने का यही वास्तविक तरीका है।
Question 4.
Why do the stars twinkle ?
Answer:
The stars, like the sun, are balls of fire. As their rays pass through the different layers of the atmosphere, they seem to be twinkling.
सूर्य की तरह तारे आग के गोले हैं। जब उनकी किरणें वायुमंडल की विभिन्न परतों में से गुज़रती हैं तो वे टिमटिमाते हुए प्रतीत होते हैं।
Question 5.
How was the earth formed ?
Answer:
The earth shot out from the sun. In the beginning, it was very hot. It took millions of years to cool down.
धरती छिटक कर सूर्य से अलग हो गई। शुरू में यह बहुत गर्म थी। इसे ठण्डा होने में लाखों वर्ष लग गए।
Question 6.
How were oceans and seas formed ?
Answer:
To begin with, the earth was very hot. When it cooled, all the water vapour in the air condensed into water. It came down as rain. It rained heavily. All the hollows of the earth were filled. Thus oceans and seas were formed.
आरम्भ में धरती बहुत गर्म थी। जब यह ठण्डी हो गई तो हवा में मौजूद सब जल-वाष्प कण पानी में बदल गए। यह वर्षा के रूप में नीचे आ गिरे। भारी वर्षा हुई। धरती के सभी गड्डे भर गए। इस प्रकार महासागर और सागर बन गए।
Question 7.
Why does the moon look bigger than the stars ?
Answer:
The moon looks bigger than the stars because it is quite near to the earth.
चाँद तारों से बड़ा दिखाई देता है क्योंकि यह धरती के बहुत निकट है।
Long Answer Type Questions
Question 1.
Write a short note on the making of the earth.
Answer:
Long, long ago, the earth and the other planets were part of the sun. Somehow, little bits of the sun shot away from it. One of these bits was our earth. To begin with, it was as hot as the sun. But very slowly, it started to cool. And then life began to appear on it.
बहुत लंबे समय पहले, धरती और अन्य ग्रह सूर्य का भाग होते थे। किसी तरह सूर्य के कुछ छोटेछोटे कण छिटक कर इससे अलग हो गए। इनमें से एक टुकड़ा हमारी धरती था। शुरू में यह सूर्य के समान ही गर्म थी। परन्तु बहुत धीरे-धीरे यह ठण्डी होनी शुरू हो गई। और फिर इस पर जीवन प्रकट होने लगा।
Question 2.
Write a few words on the happy family of the sun.
Answer:
The sun has its planets and the planets have their satellites. All these form a happy family. They are called the solar system. Solar means belonging to the sun. The sun is the father of all the planets. Therefore, the whole group is called the Solar System.
सूर्य के अपने ग्रह हैं और ग्रहों के अपने-अपने उपग्रह हैं। वे सभी एक खुशहाल परिवार बनाते हैं। इन्हें सौर-मण्डल कहा जाता है। सौर का अर्थ है, सूर्य से सम्बन्धित । सूर्य सभी ग्रहों का पिता है। इसलिए पूरे समूह को सौर-मण्डल कहा जाता है।
Vocabulary and Grammar
Question 1.
Fill in the blanks with the given prepositions, making appropriate phrasal verbs :
Answer:
(a) on
(b) off
(c) out
(d) into
(e) down.
Answer:
Question 2.
Fill in the blanks, selecting suitable words from the given list :
Answer:
Everything exists in space. But what exactly is space is something beyond human imagination and comprehension. It is also beyond mathematical calculation. We do not know for sure how far space extends. It does not have a beginning. And it does not have an end. It was earlier believed that the earth was the centre of the universe and that all heavenly bodies, including the sun, revolved around it. With the advancement of science and technology, it was known that the sun was the centre of the solar system and that the entire solar system occupies just a tiny fraction of space in the entire universe.
Question 3.
Fill in the blanks, using the correct infinitive or participle :
Answer:
1. failing
2. to go
3. going
4. to living
5. to live
6. waiting
7. to visit.
Question 4.
Fill in the blanks with suitable articles :
Answer:
So the earth started to cool. It took a long time over it. Gradually, the surface of the earth became cooler although the interior remained very hot. Even now if you go down a coal mine, it becomes hotter and hotter as you go down. Probably if you could go down deep enough inside the earth, you would find it red hot.
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