JKBOSE 10th Class Hindi Solutions chapter – 11 मानवता

JKBOSE 10th Class Hindi Solutions chapter – 11 मानवता

JKBOSE 10th Class Hindi Solutions chapter – 11 मानवता (डॉ० बंसी लाल शर्मा)

Jammu & Kashmir State Board JKBOSE 10th Class Hindi Solutions

कविता का सार

‘मानवता’ शीर्षक कविता डॉ० बंसी लाल शर्मा द्वारा रचित है। इसमें कवि ने मनुष्य को मानवता का पाठ पढ़ाया है तथा उसे मानवतापूर्ण कार्य करने की प्रेरणा दी है। भारतवर्ष में सदैव मानवता की प्रशंसा होती रही है। इसलिए दान कर मनुष्य को दानी बन जाना चाहिए। समाज में शादी में दहेज के नाम न कुछ न लेना यही सर्वोत्तम दान है। दहेज लोभियों की तो बारातें भी वापिस भगा देनी चाहिए। आज के बाद दहेज की बलिवेदी पर कोई वधु न चढ़े। हम सबको दहेज की कुरीति को नष्ट करने का प्रण करना चाहिए । मनुष्य यदि अपनी चौरासी लाख योनियों से छुटकारा पाना चाहता है तो उसे प्रभु के चरणों में स्वयं को लगा देना चाहिए। संसार में भलाई का बदला भला ही होता है। दुष्ट लोगों का सदैव बुरा ही होता है। किसी ग़रीब को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।

पढ्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. दान करके तुम सब ही बन जाओ दानी,
कलम कवियों की लिखती रहे यह कहानी ।
कदर मानवता की ही होती है आई
है भारत की यही एकमात्र निशानी ।।
प्रसंग – यह काव्यांश डॉ० बंसी लाल शर्मा द्वारा रचित ‘मानवता’ शीर्षक कविता से उद्धृत है। इसमें कवि ने भारतीयों को दान देने की प्रेरणा दी है।
व्याख्या – कवि मनुष्य को प्रेरणा देते हुए कहता है कि हे भारतवासियो ! तुम अपने जीवन में दान देकर सभी दानी बन जाओ। तुम भी दानियों की श्रेणी में आ जाओ। कवियों की कलम सदा यह कहानी लिखती रहे कि भारतवर्ष में सदैव मानवता का आदर सम्मान होता रहा है। यही भारत की इकलौती निशानी है। कहने का भाव है कि हमें मानवता के पथ पर अग्रसर होकर सदा मानव कल्याण के कार्य करने चाहिएं।
विशेष– (1) मानव कल्याण की प्रेरणा दी गई है।
(2) खड़ी बोली सरल एवं सरस है।
( 3 ) अनुप्रास एवं पदमैत्री की छटा है।
2. सब से बड़ा दान तुम इसको जानो,
दहेज के नाम पर न लेंगे चवन्नी ।
खोला है मुँह जिसने दहेज की खातिर,
बारात उसकी हम ने है वापस भगानी ॥
प्रसंग – प्रस्तुत पद्यावतरण ‘नवभारती’ पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘डॉ० बंसी लाल शर्मा द्वारा रचित है। इस पद्य में कवि ने भारतीय समाज में पनप रहे दहेज को रोकने की प्रेरणा दी है।
व्याख्या—कवि समाज से दहेज रूपी समस्या को दूर करने का उपदेश देते हुए कहते हैं कि यह प्रण कर लो कि दहेज के नाम पर शादी में कुछ भी नहीं लेंगे। यही जीवन का सबसे बड़ी दान समझो। यदि आज समाज में किसी ने भी दहेज के लालच में धन मांगा तो हमें उसकी बारात को वापस लौटा देना चाहिए अर्थात् ऐसे दहेज लोभियों से कोई रिश्ता नहीं करना चाहिए।
विशेष – (1) दहेज की कुप्रथा को दूर करने की प्रेरणा दी है और दहेज लेने वालों का डटकर विरोध करने की प्रेरणा दी गई है।
(2) शुद्ध साहित्यिक खड़ी बोली है ।
3. न शब्द मिले सुनने को फिर कोई कभी भी
कि चढ़ गई बलि बच्ची किसी की बेगानी,
प्रण कर लो मिलकर यह आज आप सारे, 
दोहराएँगे नहीं अब कुरीति पुरानी ॥
शब्दार्थ – कुरीति = बुरी रीति, समस्या | प्रण = प्रतिज्ञा। बेगानी = औरों की, परायों की।
प्रसंग – यह पद्यावतरण डॉ० बंसी लाल शर्मा द्वारा रचित ‘मानवता’ शीर्षक कविता से अवतरित किया गया है। इसमें कवि ने दहेज रूपी कुप्रथा को जड़ से खत्म करने का उपदेश दिया है ।
व्याख्या – कवि भारतवासियों को प्रेरणा देकर कहता है कि आज हम सभी मिलकर यह प्रतिज्ञा कर लें कि हम कभी भी इस दहेज रूपी पुरानी कुरीति को दोबारा नहीं दोहराएंगे अर्थात् न कभी दहेज देंगे और न लेंगे जिसमें समाज में कभी भी यह शब्द सुनने को न मिले कि किसी की बेटी दहेज की बलि पर कुर्बान हो गई। कहने का भाव है कि यदि हम दहेज न लेने और न देने का प्रण ले लेंगे तो हम देश में पुनः दहेज के लिए बलिदान होने वाली किसी बेटी की खबर सुनने को नहीं मिलेगी ।
विशेष – (1) ‘न दहेज लेंगे, और न देंगे’ की उक्ति को जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी गई है।
(2) खड़ी बोली सरल एवं सरस है ।
4. चाहने वाली अवगति भले ही यह पूछें,
सगाई में सोने की है कोई निशानी ?
चौरासी से चाहते हो यदि छुटकारा
तो चरणों में उसके लगाओ जिंदगानी ॥
शब्दार्थ – चौरासी = चौरासी लाख योनियां (पौराणिकता मान्यता है कि मनुष्य का जन्म चौरासी लाख योनियों में जन्मोपरांत ही प्राप्त होता है)
प्रसंग – प्रस्तुत पद्य – खंड ‘डॉ० बंसी लाल शर्मा’ द्वारा रचित ‘मानवता’ शीर्षक कविता से अवतरित है। इसमें कवि ने दहेज के लालच को त्याग कर प्रभु भक्ति में लीन होने की प्रेरणा दी है ।
व्याख्या—कवि कहता है कि अपने जीवन में बुरी गति चाहते हैं वे भले ही किसी की सगाई में यह पूछे कि उसकी सगाई में सोने की क्या भेंट मिली है ? परंतु हमें इसका लालच नहीं करना चाहिए। कवि प्रेरणा देकर कहता है कि हे मानव ! यदि तुम चौरासी लाख योनियों से छुटकारा पाना चाहते हो अर्थात् यदि तुम मुक्ति चाहते हो तो सब कुछ भूल कर प्रभु के चरणों में अपनी जिंदगी को लगा लो । कहने का भाव है कि सर्वस्व त्यागकर प्रभु की भक्ति में लीन हो जाओ।
विशेष – (1) चौरासी लाख योनियों की ओर संकेत है जिनके उपरांत मानव जीवन प्राप्त होता है।
(2) शुद्ध साहित्यिक खड़ी बोली है ।
(3) अनुप्रास, पदमैत्री का प्रयोग है।
5. भलाई के बदले है होता भला ही,
यही बात हमने भी सदा से ही जानी ।
समाज को कहते हैं जो जन प्रदूषित,
कराएँगे यमदूत याद उनको नानी । 
प्रसंग – यह पद्यांश ‘नव भारती’ पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘मानवता’ शीर्षक कविता से लिया गया है। इस पद्यांश में कवि डॉ० बंसी लाल शर्मा ने बताया है कि भलाई का फल भला ही होता है।
व्याख्या – कवि का कथन है कि यह बात बिल्कुल सच है संसार में अच्छाई का फल अच्छा ही होता है। यह बात हम सब सदा से जानते हैं। जो लोग समाज को प्रदूषित करते हैं उन्हें यमदूत यमलोक में उनकी नानी याद कराएंगे। कहने का भाव है कि समाज में जो लोग अच्छे काम करेंगे उनको फल भी अच्छा प्राप्त होगा किंतु जो लोग बुरे काम कर समाज को गंदा करने का प्रयास करेंगे उन्हें कठिन दंड भुगतना पड़ेगा।
विशेष – (1) कवि ने मानव को अच्छाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी है।
(2) खड़ी बोली सरल एवं सरस है।
(3) अनुप्रास एवं पदमैत्री अलंकारों का प्रयोग है।
6. कमर कभी किसी भी गरीब की न टूटे,
न दिखे टूटती कभी किसी की जवानी ।
है क्योंकर यह करना लड़ाई और झगड़ा,
जरा तुम तो सोचो यह दुनिया है फानी ॥
शब्दार्थ – फानी = नश्वर ।
प्रसंग—यह पद्य-खंड नव भारती पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘मानवता’ नामक कविता से लिया गया है जिसके रचयिता डॉ० बंसी लाल शर्मा हैं। इस पद्य में कवि ने समाज कल्याण की कल्पना की है।
व्याख्या – कवि समाज कल्याण की कामना करते हुए कहते हैं कि समाज में कभी भी कोई ग़रीब, मनुष्य बेसहारा, असहाय न बनें और न किसी की जवानी खत्म हो । कवि प्रेरणा देते हुए कहता है कि हे भारतवासियो ! तुम ध्यान लगाकर इस बात पर गहन विचार करो कि यह दुनिया नश्वर है तो फिर इस नश्वर संसार में आपस में लड़ाई और झगड़ा व्यर्थ में क्यों करें अर्थात् जब यह संसार नश्वर है सब कुछ एक दिन समाप्त हो जाएगा तो फिर हम आपस में लड़ाई-झगड़े क्यों कर रहे हैं अर्थात् हमें ऐसा नहीं करना चाहिए। हमें आपस में मिलजुल कर प्रेमपूर्वक व्यवहार करते हुए रहना चाहिए।
विशेष – (1) समाज कल्याण की कामना करते हुए संसार की नश्वरता का चित्रण हुआ है।
(2) भाषा सरल – सरस खड़ी बोली है ।
(3) अनुप्रास एवं पदमैत्री अलंकारों का प्रयोग है।

J&K class 10th Hindi मानवता Textbook Questions and Answers

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिये-

(क) प्रस्तुत कविता में कवि क्या संदेश देना चाहता है ?
अथवा
‘मानवता’ कविता का मूल स्वर क्या है ?
उत्तर – प्रस्तुत कविता में कवि ने मानवता की भावना को अपनाने का संदेश दिया है और माना है कि संसार में सदा मानवता का सम्मान होता है। दहेज में कुछ भी न लेना सबसे बड़ा दान होता है। दहेज लोभियों की बारात भी वापिस भगा देनी चाहिए जिससे कोई भी बेटी दहेज की बलि न चढ़े। चौरासी लाख योनियों से छुटकारा पाने के लिए प्रभु की भक्ति में मन लगाना चाहिए। संसार में अच्छाई का फल अच्छा ही होता है। जो समाज को प्रदूषित करते हैं उन्हें कठिन कष्ट भोगने पड़ते हैं। यह संसार नश्वर है। फिर हमें परस्पर लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए। कोई ग़रीब निस्सहाय बेसहारा नहीं रहना चाहिए।
(ख) कवि ने कविता का शीर्षक ‘मानवता’ क्यों रखा है ? 
उत्तर – कविता में मानव-कल्याण की कामना की गई है। कवि ने मनुष्य को मानवता के पथ पर अग्रसर होने की – प्रेरणा दी है। इसलिए इस कविता का शीर्षक मानवता रखा है।
 (ग) ‘मानवता’ नामक कविता में किस सामाजिक कुरीति को उभारा गया है ? 
उत्तर – ‘मानवता’ नामक कविता में दहेज प्रथा नामक सामाजिक कुरीति को उभारा गया है। जो समाज में दीमक की तरह लगी है। यह बहुत प्राचीन समस्या है। इस कुरीति को जड़ से मिटाने के लिए दहेज के लोभियों को समाज से बहिष्कृत कर देना चाहिए। प्रत्येक मनुष्य को इसको समूल नष्ट करने की प्रतिज्ञा करनी चाहिए।
(घ) कवि ने प्रस्तुत कविता में सबसे बड़ा दान किसे कहा है ? 
उत्तर – कवि ने प्रस्तुत कविता में सबसे बड़ा दान दहेज में कुछ भी न लेने को कहा है।

प्रश्न 2. निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिये –

(क) कलम कवियों की  ………….. रहे यह कहानी ।
उत्तर – लिखती ।
(ख) कदर…………… की ही होती है आई।
उत्तर – मानवता ।
(ग) खोला है मुँह जिसने ……………. की खातिर ।
उत्तर – दहेज ।
(घ) दोहराएँगे नहीं अब …………… पुरानी ।
उत्तर – कुरीति ।
(ङ) कराएँगे ………….. याद उनको नानी ।
उत्तर – यमदूत ।
प्रश्न 3. इस कविता का सार अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर – उत्तर के लिए कविता का सार देखिए ।
प्रश्न 4. निम्नलिखित शब्दों के वाक्य बनाइये –
कलम, मानवता, दहेज, अवगति, जिंदगानी ।
उत्तर – कलम – कवि कलम से कविता लिखते हैं।
मानवता – मानव को मानवता का आदर अवश्य करना चाहिए।
दहेज – दहेज लेना पाप है।
अवगति — दहेज लेने वाले निश्चित रूप से अवगति प्राप्त करेंगे।
जिंदगानी – मनुष्य की जिंदगानी अमूल्य है।
प्रश्न 5. निम्नलिखित शब्दों को शुद्ध करके लिखिये-
मूंह, बरात, प्रन, कुरीती, अवगती, परदूषित, जमदूत, जगड़ा ।
उत्तर – मुंह – मुंह
बरात – बारात
प्रन – प्रण
कुरीती- कुरीति
अवगती – अवगति
परदूषित – प्रदूषित
जमदूत – यमदूत
जगड़ा – झगड़ा

J&K class 10th Hindi मानवता Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. भारत की एकमात्र निशानी क्या है ?
उत्तर – मानवता ।
प्रश्न 2. कवियों की कलम क्या कहानी लिखती रहे ? 
उत्तर – मानवता की सर्वत्र कदर होती है यही कहानी।
प्रश्न 3. सबसे बड़ा दान क्या है ?
उत्तर – दहेज में कुछ भी न लेना सबसे बड़ा दान है।
प्रश्न 4. किस की बारात वापस भगानी चाहिए ? 
उत्तर – दहेज मांगने वालों की ।
प्रश्न 5. चौरासी से बचने का कवि ने क्या उपाय बताया है ?
उत्तर – प्रभुभक्ति में लीन हो जाना।
प्रश्न 6. ‘मानवता’ कविता के रचयिता कौन हैं ?
उत्तर – डॉ० बंसी लाल शर्मा ।

बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर

1. भारतवर्ष में सर्वत्र किसका आदर होता है ?
(क) मानवता
(ख) दानवता
(ग) धन
(घ) दौलत ।
उत्तर – (क) मानवता ।
2. अवगति चाहने वाले सगाई में किसकी निशानी पूछते हैं ?
(क) चाँदी की
(ख) सोने की
(ग) हीरे की
(घ) दहेज की ।
उत्तर – (ख) सोने की ।
3. कवि ने किसके चरणों में लीन होने की बात कही है ?
(क) माता के
(ख) पिता के
(ग) प्रभु के
(घ) कोई नहीं।
उत्तर – (ग) प्रभु के ।
4. भलाई का फल होता है ?
(क) अच्छा
(ख) बुरा
(ग) मीठा
(घ) मिठाई ।
उत्तर – (क) अच्छा ।
5. समाज को प्रदूषित करने वाले लोगों को दंड देंगे ?
(क) प्रभु
(ख) देवता
(ग) यमदूत
(घ) कोई अन्य ।
उत्तर – (ग) यमदूत
6. संपूर्ण संसार कैसा है ?
(क) नश्वर
(ख) अनश्वर
(ग) विवश
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर – (क) नश्वर ।

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