JKBOSE 10th Class Hindi Solutions chapter – 13 हिंदी जन की बोली है

JKBOSE 10th Class Hindi Solutions chapter – 13 हिंदी जन की बोली है

JKBOSE 10th Class Hindi Solutions chapter – 13 हिंदी जन की बोली है (गिरिजाकुमार माथुर)

Jammu & Kashmir State Board JKBOSE 10th Class Hindi Solutions

कवि-परिचय

श्री गिरिजाकुमार माथुर आधुनिक युग के प्रतिभा संपन्न कलाकार हैं। वे प्रमुख रूप से प्रयोगवादी कवि माने जाते हैं लेकिन उनकी कविताएं मात्र प्रयोग के लिए न होकर जीवन की यथार्थ अनुभूति के चित्रण के लिए हैं। कोमलता एवं मधुरता के प्रति आकर्षण होने के कारण माथुर जी की कविता में छायावादी शैली का सौंदर्य भी प्राप्त होता है। माथुर जी का जन्म ग्वालियर राज्य के पछार नामक स्थान पर सन् 1918 ई० में हुआ था। इनके पिता ब्रज भाषा के प्रसिद्ध कवि थे। परिवार का स्तर साधारण था । यही कारण है कि इनकी कविताओं एवं नाटकों में प्राय: सामान्य स्तर के जीवन का ही चित्रण रहता है। इनकी प्रारंभिक शिक्षा घर पर हुई। आपने लखनऊ से एम० ए० (अंग्रेज़ी) करने के बाद एल० एल० बी० तक शिक्षा प्राप्त की है। माथुर जी ने आकाशवाणी में कार्य किया तथा दूरदर्शन के निदेशक भी रहे।
रचनाएं – माथुर जी में कविता करने की प्रतिभा जन्मजात है। पहले यह प्रतिभा कविता पढ़ने की अत्यधिक रुचि के रूप में प्रकट हुई। 13 वर्ष की आयु में ही कविता लिखनी आरंभ कर दी थी । इनकी रचनाओं का उल्लेख इस प्रकार है-
मंजीर, नाश और निर्माण, धूप के धान, शिला पंख चमकीले मैं वक्त के हूँ सामने आदि । ‘पृथ्वी-कल्प’ इनका प्रतीकात्मक नाट्य-काव्य है । माथुर जी ने रेडियो फीचर, गीति नाट्य और प्रतीकात्मक नाटकों की भी रचना की है।
विशेषताएं— माथुर जी एक भावुक कलाकार हैं। उनकी रचनाओं में व्यक्तिगत अनुभूतियों की ही बहुलता है। सरसता, मधुरता, सौंदर्य और प्रेम के प्रति आकर्षण भी इनकी कविताओं की प्रमुख विशेषता है। इनकी कुछ कविताओं में यथार्थपरक दृष्टि का भी उन्मेष है। जीवन के कटु और मधुर रूप का भी चित्रण है। भाषा में सरलता और सहजता है।

कविता का सार

प्रस्तुत कविता में माथुर जी ने हिंदी भाषा के महत्त्व पर प्रकाश डाला है। हिंदी आम आदमी की भाषा है। यह भारत के अधिकांश प्रदेशों की राजभाषा है। संविधान में इसे राष्ट्रभाषा का गौरव प्राप्त है। पूरे देश की यह संपर्क भाषा है। अन्य सभी भाषाएँ तथा बोलियां इसकी सगी बहनों के समान हैं। इसमें तत्सम, तद्भव, देशज तथा विदेशज शब्दों का अद्भुत मिश्रण है। यह समाज में व्याप्त ऊँच-नीच के भाव को भी दूर करती है ।

पढ्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. एक डोर में सबको जो है बाँधती—
वह हिंदी है 
हर भाषा को सगी बहन जो मानती 
वह हिंदी है 
भरी – पुरी हों सभी बोलियाँ 
यही कामना हिंदी है।
गहरी हो पहचान आपसी
यही साधना हिंदी है
सौत विदेशी रहे न रानी
यही भावना हिंदी है।
शब्दार्थ – जन = आम आदमी । कामना = इच्छा साधना = परिश्रम ।
प्रसंग — प्रस्तुत पंक्तियाँ गिरिजाकुमार माथुर द्वारा रचित कविता ‘हिंदी, जन की बोली’ से ली गई हैं। इस कविता में कवि ने आम आदमी के द्वारा बोली जाने वाली हिंदी की विशेषताओं का उल्लेख किया है।
व्याख्या—कवि हिंदी की विशेषताओं का उल्लेख करता हुआ कहता है कि हिंदी सबको एक डोर से बांधती है अर्थात् यह भारतवासियों में भाईचारे की भावना को दृढ़ करती है। यह सभी भारतीय भाषाओं को अपनी सगी बहनों के समान मानती है। हिंदी की यह इच्छा रहती है कि सभी बोलियां भरी-पूरी बनी रहें। हिंदी का यही प्रयत्न रहता है कि हम सबकी परस्पर पहचान गहरी बने । हिंदी ऐसी भावना का प्रसार करती है कि उसकी सौतन अंग्रेज़ी कभी रानी की पदवी प्राप्त न करे अर्थात् देश में विदेशी भाषा का अधिकार स्थापित न हो ।
विशेष—(1) इन पंक्तियों में कवि ने हिंदी भाषा का महत्त्व बताया है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि हिंदी आपसी भाईचारे को दृढ़ बनाने का सर्वोत्तम साधन है।
(2) सहज, सरल बोलचाल की भाषा में मुक्त छंद की कविता है।
(3) अनुप्रास अलंकार है ।
2. तत्सम, तद्भव, देश-विदेशी
सब रंगों को अपनाती
जैसे आप बोलना चाहें
वही मधुर, वह मनभाती
नए अर्थ के रूप धरती
हर प्रदेश की माटी पर
“खाली-पीली-बोम-मारती ”
बंबई की चौपाटी पर
चौरंघी से चली नवेली
प्रीति पियासी हिंदी है
बहुत बहुत तुम हमको लगती
“भालो-बाशी” हिंदी है ।
शब्दार्थ – तत्सम = संस्कृत से हिंदी में प्रयुक्त होने वाले शब्द । तद्भव = हिंदी के शब्द। माटी = मिट्टी । नवेली = नयी । प्रीति = प्रेम । भालो-बाशी = अच्छी ।
प्रसंग – यह काव्यावतरण गिरिजाकुमार माथुर द्वारा रचित ‘हिंदी, जन की बोली’ नामक कविता से अवतरित है। इसमें कवि ने स्पष्ट किया है कि हिंदी साधारण जन की भाषा होने के कारण अपना विशिष्ट महत्त्व रखती है।
व्याख्या — हिंदी में अनेक भाषाओं के शब्दों को पचा लेने की अद्भुत शक्ति है। इसमें तत्सम, तद्भव, देशज तथा • विदेशज आदि भाषाओं के शब्दों की रंगत दिखाई देती है। आप इसे जैसे भी और जिस रूप में भी बोलना चाहें वह वैसी ही मधुर तथा मन को भाने वाली बन जाती है। हिंदी हर प्रदेश की मिट्टी के अनुसार अपने अर्थ में परिवर्तन कर लेती है । यह मुंबई की चौपाटी पर बिना किसी आधार अथवा कारण के बढ़ा-चढ़ा कर बोली जाती है। चौरंघी (कलकत्ता) से यह नवेली बनकर चलती है। हिंदी प्रेम भाव की प्यासी है। हिंदी बहुत ही मधुर तथा अच्छी भाषा है। यह मन को अच्छी लगती है।
विशेष – (1) यहां कवि ने हिंदी के विभिन्न रूपों का बड़ा सहज-स्वाभाविक चित्रण किया है।
(2) बोलचाल की भाषा तथा मुक्त छंद है।
(3) अनुप्रास अलंकार है।
3. उच्च वर्ग की प्रिय अंग्रेजी
हिंदी जन की बोली है
वर्ग भेद को खत्म करेगी
हिंदी वह हमजोली है
सागर में मिलती धाराएँ
हिंदी सबकी संगम है
शब्द, नाद, लिपि से भी आगे
एक भरोसा अनुपम है
गंगा, कावेरी की धारा
साथ मिलाती हिंदी है
पूरब-पश्चिम
कमल-पंखुरी सेतु बनाती
हिंदी है।
शब्दार्थ – वर्ग-भेद = ऊंच-नीच का भाव । हमजोली = सहेली, मित्र । अनुपम = बेजोड़ | नाद = ध्वनि । कावेरी = नदी का नाम । कमल-पंखुरी सेतु = कमल की पंखुड़ियों का पुल ।
प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘नवभारती भाग- 2’ में संकलित कविता ‘हिंदी, जन की बोली’ से अवतरित हैं। इस कविता के रचयिता गिरिजाकुमार माथुर हैं। इसमें उन्होंने हिंदी को साधारण जन की प्रिय भाषा के रूप में चित्रित किया है।
व्याख्या – कवि का कथन है – अंग्रेज़ी तो उच्च वर्ग की प्रिय भाषा है। हिंदी तो साधारण जन की बोली है। हिंदी एक ऐसी सखी-सहेली की तरह है जो एक दिन वर्ग-भेद तथा ऊंच-नीच के भाव को समाप्त कर देगी। जिस प्रकार सभी नदियां सागर में मिल जाती हैं, उसी प्रकार सब लोगों को परस्पर मिलाती है। शब्द, ध्वनि तथा लिपि से भी आगे एक अद्भुत भरोसा है कि यह गंगा, कावेरी की धाराओं को परस्पर मिलाती है। भाव यह है कि हिंदी दो विभिन्न प्रदेशों को भी परस्पर मिलाने का माध्यम है । यह पूर्व तथा पश्चिम को मिलाने के लिये कमल की पंखुड़ियों का कोमल पुल तैयार करती है ।
विशेष – (1) हिंदी भारत की वाणी है, जो भारतवासियों को परस्पर मिलाने का कार्य करती हैं ।
(2) सहज, सरल बोलचाल की भाषा तथा मुक्त छंद है।
(3) अनुप्रास अलंकार है।

J&K class 10th Hindi हिंदी जन की बोली है Textbook Questions and Answers

भाव-सौंदर्य

प्रश्न 1. कवि के अनुसार
(क) हिंदी किस कामना का नाम है ?
(ख) हिंदी किस साधना को कहते हैं ?
(ग) हिंदी किस भावना को प्रकट करती है ?
उत्तर –
(क) भारतवासियों को परस्पर मिलाए रखने, सभी आर्य भाषाओं को सगी बहनों के समान मानने तथा सभी बोलियों को भरा-पूरा बनाए रखने की कामना अर्थात् इच्छा का नाम हिंदी है।
(ख) एक-दूसरे के साथ गहरी पहचान बनाये रखने वाली साधना का नाम हिंदी है।
(ग) हिंदी इस भावना को प्रकट करती है कि अंग्रेज़ी भाषा उसकी सौतन के समान है। इसे रानी बनने अर्थात् हिंदी पर हावी होने का अधिकार प्राप्त नहीं होना चाहिए।
प्रश्न 2. हिंदी की सौत किस भाषा को कहा गया है और क्यों ? 
उत्तर – हिंदी की सौत अंग्रेजी भाषा को कहा गया है क्योंकि सौत का यह काम होता है कि वह स्वयं पति पर अधिकार कर ले ताकि जो असली पत्नी है उसकी निरंतर उपेक्षा होती रहे। अंग्रेजी भाषा ने भी हिंदी भाषा के लिए सौत का कार्य किया है क्योंकि आज भी अपने देश में अंग्रेज़ी भाषा को महत्त्व दिया जाता है और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की मांग बढ़ती जा रही है। इससे हिंदी तथा हिंदी बोलने वालों की उपेक्षा हो रही है।
प्रश्न 3. मुंबई एक मराठी भाषी महानगर है। वहाँ हिंदी अलग ढंग से बोली-समझी जाती है जिसे “मुंबइया हिंदी” कहते हैं। यह ध्यान में रखकर निम्नलिखित पंक्तियों का अर्थ लिखिए
“खाली-पीली बोम मारती
बंबई की चौपाटी पर “
उत्तर – इस कथन का अर्थ है कि ‘मुम्बइया हिंदी’ का प्रयोग निराले ढंग से किया जाता है। इसका प्रयोग करने वाले अपनी बात को बिना किसी आधार पर बढ़ा-चढ़ा कर बोलने के आदी हैं।
प्रश्न 4. बंगला में हिंदी को कैसी भाषा बताया गया है और उसका अर्थ क्या है ? 
उत्तर – बंगला में हिंदी को ‘भालो-बाशी’ कहा गया है। इसका अर्थ है अच्छी तथा प्यारी लगने वाली।
प्रश्न 5. हिंदी भाषा भारत में ऊंच-नीच को कैसे खत्म कर सकती है ? 
उत्तर – हिंदी भारत के साधारण लोगों की भाषा है और इस देश में साधारण लोगों की ही संख्या अधिक है। इसलिए यह ऊँच-नीच के भाव को समाप्त कर सबको एक-दूसरे के निकट लाती है। भाषा ही एक-दूसरे की पहचान कराने तथा उस पहचान को बढ़ाने का माध्यम है।
प्रश्न 6. हिंदी सेतु बनकर हमारे देश के किस-किस क्षेत्र को मिलाती है ?
उत्तर – हिंदी सेतु बनकर हमारे देश के उत्तर को दक्षिण और पूर्व को पश्चिम से मिलाती है।

शिल्प-सौंदर्य

( क ) हिंदी भाषा में अन्य भाषाओं के कई रंग हैं। इन में एक रंग है शब्दावली का | हिंदी में प्रयुक्त उर्दू और अंग्रेजी के कुछ शब्दों के उदाहरण लिखिए।
उत्तर – अंग्रेज़ी के शब्द – फॉर्म, वॉल्यूम, कॉटन, बॉल, मॉडल, डॉक्टर, डॉलर, क्लॉक, हॉट, डॉग, गॉड, वॉलीबाल, वॉलब, बॉलीवुड, कॉलेज, नॉलेज, फ़िल्म, फ्री, फ्रिज, फ़ीस, फ्रूट, फ़ादर, फ्रेम, फुटबॉल, रफ, फ़ाल, कफ़, फ़ायर, फ़न ।
उर्दू के शब्द –
मज़दूर, मरीज़, ज़मानत, जिंदगी, ज़रूरत, ज़खीरा, ज़बान, इज्जत, जाफ़रानी, फ़िदा, फ़ाका, फलवा, फ़ालसा, फ़ारिंग, फ़र्श, फ़ौलाद, फ़रमान, फ़जूल, फ़िरका, रफ़्तार, फ़ीता, फ़रामोश, ज़िला, जेवर, कर्ज, जरा, जमींदार, जर्रा, ज़ल्म, साज़, जिंदगी, ज़ोरदार, ताज़ा, ज़नाना, मज़बूर, ज़रिया, फ़ानूस, फ़रेबी, फ़साना ।
(ख) इस कविता में हिंदी के बारे में कुछ वाक्य दिए गए हैं, जिनमें हिंदी के गुण बताए गए हैं जैसे- “हिंदी सब को एक डोर में बाँधती है।” कविता से इसी प्रकार के दो और वक्तव्य लेकर लिखें ।
उत्तर –
(I) हर भाषा को सगी बहन जो मानती वह हिंदी है ।
(II) हिंदी ज्ञान की बोली है ।
वर्ग-भेद को खत्म करेगी।
(ग) यह वाक्य पढ़ें
जो सब को एक डोर में बांधती है, वह हिंदी है।
यह एक संयुक्त वाक्य है जो इन दो सरल वाक्यों से मिलकर बना है
(अ) (हिंदी) सबको एक डोरी में बाँधती है।
(ब) (हिंदी) एक भाषा है।
इन्हें ‘जो’ तथा ‘वह’ समुच्चय बोधकों से मिला दिया गया है। इसी प्रकार नीचे लिखे वाक्यों को सरल वाक्यों में तोड़ कर लिखें। वाक्यों में प्रयुक्त समुच्चय बोधकों को रेखांकित भी करें
(अ) जो हर भाषा को सगी बहन मानती है, वह हिंदी है ।
(ब) जो वर्ग-भेद को खत्म करेगी वह हमजोली हिंदी है ।
उत्तर –
(अ) जो (हिंदी) हर भाषा को सगी बहन मानती है, वह हिंदी है ।
(ब) जो (हिंदी) वर्ग-भेद को खत्म करेगी, वह हमजोली हिंदी है ।
(घ ) इस कविता में हिंदी भाषा की विशेषताएं बताते हुए अधिकांश वाक्यों में क्रिया के वर्तमान काल का प्रयोग किया गया है। जैसे
(अ) हिंदी सभी भाषाओं को एक डोर से बाँधती है ।
(ब) हिंदी सभी भाषाओं को सगी बहन मानती है ।
ऐसे ही वर्तमान काल वाले चार और वाक्य कविता में से ढूँढ़ कर लिखें । कविता के केवल एक वाक्य में क्रिया के भविष्यत काल का प्रयोग किया गया है। वह वाक्य ढूँढ़ कर लिखें।
उत्तर –
(I) वर्तमान काल
(क) भरी – पुरी हों सभी बालियां यही कामना हिंदी है ।
(ख) गहरी हो पहचान आपसी यही साधना हिंदी है ।
(ग) सौत विदेशी रहे न रानी यही भावना हिंदी है ।
(घ) बहुत-बहुत तुम हम को लगती ‘भालो-बाशी’ हिंदी है।
(II) भविष्यत काल
हिंदी जन की बोली है वर्ग-भेद को खत्म करेगी।

योग्यता विस्तार

इस कविता के पहले पद्यांश में कहा गया है कि हिंदी हर भाषा को सगी बहन मानती है। भारत की प्रमुख भाषाओं के नाम लिखें।
उत्तर – तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, उर्दू, गुजराती, बंगला, मराठी, असमिया, पंजाबी, कोंकणी, पहाड़ी, कश्मीरी, गढ़वाली, डोगरी, मणिपुरी, खरसी, गारो, मिजो, उड़िया, राजस्थानी भूटिया, कुमाऊँनी ।

J&K class 10th Hindi हिंदी जन की बोली है Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. गिरिजाकुमार माथुर का जन्म कब हुआ ?
उत्तर – सन् 1918 ई० में ।
प्रश्न 2. माथुर जी की दो काव्य-रचनाओं के नाम लिखिए।
उत्तर – (क) मंजीर (ख) नाश और निर्माण ।
प्रश्न 3. गिरिजाकुमार माथुर की एक कविता का नाम लिखिए।
उत्तर – ‘छाया मत छूना’ ।
प्रश्न 4. खाली स्थान भरिए
उच्च वर्ग की प्रिय ………. जन की भाषा है।
उत्तर – उच्च वर्ग की प्रिय अंग्रेज़ी हिंदी जन की भाषा है।
प्रश्न 5. हिंदी को जनभाषा क्यों कहा गया है ?
उत्तर – क्योंकि इसे साधारण से साधारण व्यक्ति भी बोल और समझ सकता है।
प्रश्न 6. कौन-सी भाषा सभी भारतीयों को एक डोर में बांधती है ?
उत्तर – हिंदी ।
प्रश्न 7. हिंदी सभी भाषाओं को क्या मानती है ?
उत्तर – बहन ।
प्रश्न 8. हिंदी किसकी प्यासी है ?
उत्तर – प्रीति की ।
प्रश्न 9. हिंदी किसके मध्य संगम का काम करती है ?
उत्तर – पूर्व-पश्चिम के मध्य |
प्रश्न 10. अंग्रेज़ी किस वर्ग की बोली है ?
उत्तर – उच्च वर्ग की ।
प्रश्न 11. हिंदी किस की बोली है ?
उत्तर – जन-जन की।
प्रश्न 12. हिंदी किस लिपि में लिखी जाती है ?
उत्तर – देवनागरी लिपि ।
प्रश्न 13. हिंदी किस कामना का नाम है ?
उत्तर – भरी – पूरी सभी बोलियों का नाम है।
प्रश्न 14. हिंदी की सौत किस भाषा को कहा गया है ?
उत्तर – अंग्रेज़ी भाषा को ।

बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर

1. भारत के जन-जन की भाषा कौन-सी है ?
(क) मराठी
(ख) पंजाबी
(ग) हिंदी
(घ) तेलुगु ।
उत्तर – (ग) हिंदी ।
2. हिंदी अन्य भाषाओं को अपना क्या मानती है ?
(क) बेटी
(ख) बहन
(ग) भाभी
(घ) माँ ।
उत्तर – (ख) बहन ।
3. हिंदी समाज के किस भेद-भाव को समाप्त करती है ?
(क) अमीर-गरीब
(ख) छोटा-बड़ा
(ग) काला-गोरा
(घ) ऊँच-नीच ।
उत्तर – (घ) ऊँच-नीच ।
4. हिंदी सब को किस में बांधती है ?
(क) रस्सी
(ख) डोरी
(ग) रिबन
(घ) किनारी ।
उत्तर – (ख) डोरी ।
5. ‘भालो – बाशी’ में किस भाषा का प्रयोग किया गया है ?
(क) मराठी
(ख) गुजराती
(ग) बंगला
(घ) असमिया ।
उत्तर – (ग) बंगला ।
6. उच्च वर्ग की प्रिय भाषा कौन-सी है ?
(क) हिंदी
(ख) अंग्रेज़ी
(ग) बंगला
(घ) गुजराती ।
उत्तर – (ख) अंग्रेज़ी ।
7. कवि ने तत्सम, तद्भव, देशी-विदेशी को क्या माना है ?
(क) शब्द
(ख) रंग
(ग) भेद
(घ) हिस्से ।
उत्तर – (ख) रंग।
8. ‘चौपाटी’ कहां पर है ?
(क) मुंबई
(ख) कोलकाता
(ग) चेन्नई
(घ) अहमदाबाद ।
उत्तर – (क) मुंबई ।
9. वर्ग-भेद को कौन मिटा सकती है ?
(क) अंग्रेज़ी
(ख) गुजराती
(ग) बंगला
(घ) हिंदी |
उत्तर – (घ) हिंदी |
10. कमल – पंखुरी सेतु बनाने का कार्य किस ने किया है ?
(क) ब्रज
(ख) अवधी
(ग) हरियाणवी
(घ) हिंदी |
उत्तर – (घ) हिंदी |

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